पटनाः एनडीए और महागठबंधन के बीच आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पलटवार का दौर शुरू हो गया है। अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। एनडीए अपने पंद्रह साल के विकास के साथ राजद के पंद्रह साल के कुशासन की याद जनता को दिला रही है, वहीं राजद लाॅकडाउन में प्रवासी मजदूरों के समस्या सुलझाने में सरकार की नाकामी को मुद्दा बना रही है।
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पहेली से हुई वर्चुअल एंट्री ने राज्य में सियासी पारा बढ़ा दिया। लालू यादव ने ट्विटर पर पहेली से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। लालू यादव ने जनता से कोरोना काल में 83 दिनों से गायब रहने वाले रणछोड़ के हिसाब-किताब आने वाले चुनाव में लेने को कहा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के ट्वीट के बाद जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने राजद और लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जदयू सांसद ललन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि जमीन के बदले नौकरी देने वाले कौन हैं। जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि लालू प्रसाद बताए कि तीन साल से रांची के होटवार जेल में क्यो बंद हैं। जानवरों का चारा खाने वाले कौन हैं। जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि लालू यादव आधुनिक युग के धृतराष्ट्र हैं।
वहीं भाजपा प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी यादव को घेरा। भाजपा नेता ने कहा कि 47 हजार का अरमानी शर्ट पहनने वाले तेजस्वी गरीबों का मसीहा बनने का ढोंग करते हैं। चार्टर्ड प्लेन में दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने वाले कैसे गरीबों की बात करते हैं।
तेजस्वी यादव के परिधान पर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने को राजद ने ओछी राजनीति बताया। राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव किक्रेटर रहे हैं। उनके परिवार के लोग विदेशों में रहते हैं। तेजस्वी गरीबों के नेता हैं, इसे कोई बदल नहीं सकता है।
कोरोना काल में होने वाले विधानसभा चुनाव में वर्चुअल प्रचार का जोर रहेगा, जिसमें लालू यादव ने अपने खास अंदाज में एंट्री कर दिलचस्प बना दिया है।
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