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राफेल जेट का दूसरा स्क्वाड्रन अप्रैल में वायु सेना बेड़े में होगा शामिल

नई दिल्लीः चीन सीमा के साथ पूर्वी मोर्चे पर खुद को मजबूत करने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) अप्रैल के मध्य में राफेल लड़ाकू विमान (Rafale fighter aircraft) के दूसरे स्क्वाड्रन (Second Squadron) को अपने बेड़े में शामिल करेगी। इस स्क्वाड्रन को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हाशिमारा (Hashimara) वायु सेना बेस […]

नई दिल्लीः चीन सीमा के साथ पूर्वी मोर्चे पर खुद को मजबूत करने के लिए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) अप्रैल के मध्य में राफेल लड़ाकू विमान (Rafale fighter aircraft) के दूसरे स्क्वाड्रन (Second Squadron) को अपने बेड़े में शामिल करेगी। इस स्क्वाड्रन को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हाशिमारा (Hashimara) वायु सेना बेस (Air Force base) में तैनात किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि वायु सेना मई में हाशिमारा में लड़ाकू विमान ले जाएगी। उन्होंने कहा कि फ्रांस में लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण भी उसी समय खत्म हो रहा है।जब तक दूसरा स्क्वाड्रन चालू होता है, तब तक भारतीय वायु सेना के पास 20 से अधिक राफेल लड़ाकू जेट होंगे। पिछले साल सितंबर में अंबाला वायुसेना अड्डे पर पांच राफेल लड़ाकू विमानों को भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘राफेल जेट्स का शामिल होना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है, खासतौर पर हमारी संप्रभुता पर नजर रखने वाले लोगों के लिए। इस तरह का इंडक्शन हमारी सीमाओं पर बने माहौल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।’’

राफेल जेट को फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है और इसे हवाई-श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए जाना जाता है। 5 राफेल जेट का पहला बैच पिछले साल 29 जुलाई को भारत आया था, इसके करीब चार साल बाद भारत ने 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। सभी 36 विमानों की डिलीवरी 2022 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।

36 राफेल जेट में से 30 फाइटर जेट होंगे और छह ट्रेनर होंगे। ट्रेनर जेट ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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