नई दिल्लीः भारत और रूस का दोस्ताना संबंध एक बार फिर से सामने आया है। एक तरफ, जहां भारत कोरोना वायरस की भीषण लहर का सामना कर रहा है, इसको देखते हुए रूस ने घोषणा की है कि वह दूसरी लहर से निपटने के लिए भारत को 22 टन से अधिक चिकित्सा आपूर्ति भेज रहा है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चिकित्सा आपूर्ति करने वाले दो परिवहन विमान पहले से ही भारत भेज दिए गये हैं, जो गुरुवार सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंच गए हैं।
#RussiaHelps ????? #RussiaIndia#Russia sends oxygen concentrators, ventilators and 22 tonnes of medical supplies to #India to help fight #COVID19 and save lives.
✈️ 2 transport planes are already en route @MEAIndia @IndianDiplomacy
Video by @MchsRussia / @minpromtorg_rus pic.twitter.com/nmjGwVfmTU
— MFA Russia ?? (@mfa_russia) April 28, 2021
जानकारी के मुताबिक रूस से भेजी गई स्पेशल फ्लाइटों में 20 ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर, 75 वेंटिलेटर्स, 150 बेडसाइड मॉनिटर्स और दवाइयां शामिल हैं। कुल मिलाकर करीब 22 मीट्रिक टन राहत सामग्री भारत भेजी गई है। जिसे अब कोरोना से जूझ रहे देश के विभिन्न राज्यों में रवाना किया जाएगा।
रूस ने यह मदद बुधवार को राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई फोन कॉल के बाद भेजी है। दोनों नेताओं की यह बातचीत यूं तो भारत में कोरोना महामारी के प्रकोप पर आधारित थी, लेकिन इसमें दोनों देशों से जुड़े कई द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
इस बातचीत के बाद पीएमओ ने बयान जारी करके कहा, ‘‘पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को कॉल करने के लिए शुक्रिया कहा। साथ ही भारत को मदद करने के लिए उनका आभार भी जताया।’’ वहीं रूस ने बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने कोरोना वायरस से निपटने में मोदी सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया। साथ ही उन्हें बताया कि भारत की मदद के लिए वे इमरजेंसी हेल्प भेज रहे हैं।’’
बातचीत में रूसी कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ पर भी चर्चा हुई। इस वैक्सीन का पहला बैच अगले महीने तक भारत पहुंचने वाला है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद भारत के पास यह तीसरी वैक्सीन हो जाएगी, जिससे भारत के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। समझौते के तहत भारत में ‘स्पूतनिक वी’ का निर्माण किया जाएगा। जिसे बाद भारत, रूस के साथ ही दुनिया के बाकी देशों को भी बेचा जाएगा। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने उनकी वैक्सीन को मंजूरी देने पर भारत की सराहना भी की।
इन देशों ने की मदद की पेशकश
अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरीशस सहित कई प्रमुख देशों ने भारत को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए मेडिकल सहायता की घोषणा की है। सिंगापुर ने मंगलवार को भारत को 256 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की। नॉर्वे सरकार ने भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मेडिकल सेवा के लिए 24 लाख अमेरिकी डॉलर के योगदान का ऐलान किया है।
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