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Corona Pandemic: रूस के बाद अमेरिका भी आया भारत की मदद को आगे, भेज रहा 740 करोड़ रुपए से ज्यादा की मेडिकल हेल्प

नई दिल्लीः कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भारत बेबस नज़र आ रहा है। ऐसे में कई देशों ने भारत को मदद की पेशकश की है। रूस के दो विमान आज सुबह ही चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप लेकर भारत पहुंचे हैं। इस कड़ी में अमेरिका भी भारत की मदद के लिए आगे आया है। […]

नई दिल्लीः कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भारत बेबस नज़र आ रहा है। ऐसे में कई देशों ने भारत को मदद की पेशकश की है। रूस के दो विमान आज सुबह ही चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप लेकर भारत पहुंचे हैं। इस कड़ी में अमेरिका भी भारत की मदद के लिए आगे आया है। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप शुक्रवार तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है, जिसमें करीब 740 करोड़ से अधिक की मेडिकल सप्लाई है। अमेरिका ऑक्सीजन उत्पादन प्रणाली और टीकों के लिए कच्चे माल सहित चीजों पर करीब 100 मिलियन यानी करीब 741.66 करोड़ से अधिक की कीमत की आपूर्ति कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक, भारत के लिए आपातकालीन राहत की पहली खेप अमेरिकी मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए भारत आ रही है। इसमें 440 ऑक्सीजन सिलेंडर  और रेगुलेटर्स हैं। इस फ्लाइट में  960,000 रैपिड कोरोना टेस्ट किट है और करीब 1 लाख एन95 मास्क हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने अमेरिका से मेडिकल आपूर्ति मांगी है, जिनमें टीके की तैयार खुराकों के साथ-साथ कोविड-19 रोधी टीके के उत्पादन के लिए कच्चा माल शामिल है। उन्होंने बताया कि मेडिकल आपूर्ति लेकर एक अमेरिकी विमान के शुक्रवार को यहां पहुंचने की संभावना है। 

बता दें कि पहले अमेरिका ने कच्चा माल देने के लिए मना कर दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच 26 अप्रैल को हुई फोन पर बातचीत के बाद अमेरिका मान गया और वह वैक्सीन के लिए कच्चा माल भेजने से लेकर ऑक्सीजन जेनेरेशन सिस्टम समेत कई चीजों की आपूर्ति करने को तैयार हो गया। उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह और कई विमानों के जरिए अधिक उपकरणों और सामानों की आपूर्ति की जाएगी। 

अमेरिका की ओर से यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया, जब उसकी भारत को वैक्सीन के लिए कच्चा माल न देने पर आलोचना हुई। भारत को रूस और यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों ने मदद का ऐलान किया। 

जारी बयान के अनुसार, अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के भारतीय निर्माण के लिए आवश्यक जरूरी कच्चे माल की पहचान की है जो तुरंत भारत के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। भारत में फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाने और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए जरूरी वेंटिलेटर्स, पीपीई किट्स, रेपिड डायगनॉस्टिक टेस्ट किट्स आदि भी तुरंत मुहैया करवाई जाएंगी। 

इन देशों ने की मदद की पेशकश
अमेरिका और रूस के अलावा फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, लक्समबर्ग, सिंगापुर, पुर्तगाल, स्वीडन, न्यूजीलैंड, कुवैत और मॉरीशस सहित कई प्रमुख देशों ने भारत को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए मेडिकल सहायता की घोषणा की है। सिंगापुर ने मंगलवार को भारत को 256 ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति की। नॉर्वे सरकार ने भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की मेडिकल सेवा के लिए 24 लाख अमेरिकी डॉलर के योगदान का ऐलान किया है।

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