नई दिल्लीः राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह का गुरुवार को कोरोना के कारण निधन हो गया, उनके बेटे जयंत चौधरी ने इस बात की पुष्टि की। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख नेता थे। सिंह ने 20 अप्रैल को कोरोनो वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद गुरुग्राम के निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आरजेडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने एक ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की और कहा, ‘‘चौधरी अजीत सिंह जी को 20 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए। 6 मई की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।’’ अजीत सिंह के निधन से राजनैतिक गलियारे में शोक की लहर है।
जयंत ने परिवार के सदस्यों की ओर से ट्विटर पर एक नोट भी साझा किया जिसमें लिखा था, ‘‘अपने पूरे जीवनकाल में चौधरी साहब को बहुतों ने प्यार और सम्मान दिया। उन्होंने बदले में आप सभी के साथ इस बंधन को निभाया और आपके कल्याण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ विचार और प्रयास दिया। जैसा कि हमारा देश भयावह महामारी का सामना कर रहा है, उन सभी के लिए हमारा विनम्र अनुरोध है, कृपया जहां तक संभव हो घर पर रहें। हमें अपने आप को और अपने आसपास के सभी लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। चैधरी साहब और साथ ही उन सभी कोविड योद्धाओं को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका होगा जो हमारी रक्षा के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं। उन सभी परिवारों को इस क्रूर बीमारी ने तबाह कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बागपत से सात बार के सांसद सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह के पुत्र थे। उन्होंने 1996 में रालोद की स्थापना की।
राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजीत सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को मेरठ में हुआ था और वे पूर्व प्रधानमंत्री और देश के बड़े किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे थे। वे भारतीय राजनीति के एक बड़े चेहरे थे। मौजूदा समय में वे किसान नेताओं के बड़े नेताओं में शुमार थे। उनके निधन पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक दलों ने शोक जताते हुए इसे भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति बताया है।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर जताया शोक
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह जी का निधन, अत्यंत दुखद! आपका यूं अचानक चले जाना किसानों के संघर्ष और भारतीय राजनीति में कभी ना भरने वाली जगह छोड़ गया है। शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान।’’
चार बार केंद्रीय मंत्री रहे अजीत सिंह की राजनीतिक पहुंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए और बीजेपी की सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बखूबी आगे बढ़ाया और वे छह बार सांसद रहे. हालांकि 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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