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मुरकंगसेलेक गांव के लोग आज भी बांस के पुल पर आवाजाही करने के लिए मजबूर

धेमाजीः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के केमी जेलेम गांव पंचायत के एक नम्बर मुरकंगसेलेक गांव के लोग आज भी बांस के पुल से आवाजाही करने के लिए मजबूर है। एक नंबर मुरकंगसेलेक गांव से होकर दो नम्बर ताराजान गांव को जोड़ने वाली मार्ग पर स्थित बांस के पुल को स्थानीय गांव के […]

धेमाजीः असम के धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के केमी जेलेम गांव पंचायत के एक नम्बर मुरकंगसेलेक गांव के लोग आज भी बांस के पुल से आवाजाही करने के लिए मजबूर है। एक नंबर मुरकंगसेलेक गांव से होकर दो नम्बर ताराजान गांव को जोड़ने वाली मार्ग पर स्थित बांस के पुल को स्थानीय गांव के लोग श्रमदान कर निर्माण कार्य पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस मार्ग से एक नंबर मुरकंगसेलेक गांव के लोग प्रति दिन खेती-बाड़ी करने के लिए आवाजाही करते हैं। इस मार्ग के बास से निर्मित पुल पर लगे सैकड़ो बांस को गांव के लोग मिलकर चंदा संग्रह कर प्रतिवर्ष इसका निर्माण कार्य करते है। 

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के दौरान नेता आकर म्ीठी-मीठी बातें बोलकर वोट लेते हैं। मगर, चुनाव के मौसम व्यतीत होने के बाद सब भूल जाते हैं। इस मार्ग से होकर विभिन्न स्कूल और कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों और बीमारी से पीड़ित लोगों को आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बारिश के मौसम में इस बांस के पुल से गुजरना स्थानीय लोगों स्थानीय लोगों के लिए काफी मुश्किल भरा साबित होता है। स्थानीय निवासियों ने सरकार से मांग की है कि इस बांस के पुल को अतिशीघ्र पथमार्ग और पुल के निर्माण कराया जाए ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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