
लखनऊ: बच्चों को बीमारियों से बचाने में उपयोगी पल्स ऑक्सीमीटर अब देश में ही निर्मित होंगे। यूपी की 90 लाख एमएसएमई इकाईयां चाइल्ड पल्स ऑक्सीमीटर के निर्माण कार्य में शामिल होंगी। योगी सरकार ने इस ओर तेजी से कदम बढ़ा दिये हैं। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए हमेशा संवेदनशील रहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और लोगों को रोजगार से जोड़ने की बड़ी पहल की है। वैश्विक महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए यूपी की एमएसएमई इकाईयां शुरुआत से ही बीमारी की रोकथाम में सरकार का साथ देने में जुटी हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल से देश में ही सस्ते और भरोसेमंद पल्स आक्सीमीटर निर्मित होंगे और आसानी से लोगों को मिल सकेंगे। इसकी उपलब्धता के लिये अब दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कोरोना के साथ मौसमी बीमारियों के बढ़ने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही सतर्क है। खासकर बच्चों को बीमारी की जद से दूर रखने के लिये उसने बड़ी तैयारी प्रदेश भर में की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिये टीम-9 के अधिकारियों को बच्चों के लिए उपयोगी पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने एमएसएमई इकाईयों को पल्स ऑक्सीमीटर का निर्माण करने के लिये कहा है। उन्होंने कहा है कि जीवन और जीविका को बचाने में किसी प्रकार की कमी उत्तर प्रदेश में नहीं छोड़ी जानी चाहिये। बीमारी की रोकथाम में उपयोगी सारे प्रयास समय से पूरे करने के लिये उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
उत्तर प्रदेश के विकास और उन्नति की ओर बढ़ते कदमों में एमएसएमई इकाईयों का बड़ा योगदान रहा है। इनके माध्यम से उत्तर प्रदेश में लाखों लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद से ही सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाईयों की बड़ी संख्या में यूपी में स्थापना कराई। इन इकाइयों की स्थापना से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने का काम किया।


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