लखीमपुर (असम): डाक विभाग की बदतर सेवा की अक्सर शिकायत सुनाने को मिलती है। यही कारण है कि पत्रादि भेजने के मामले में लोगों का झुकाव डाक विभाग की तरफ न होकर कुरियर सेवा की तरफ बढ़ता जा रहा है। लेकिन, घाटे में चल रहे डाक विभाग को इसकी जरा भी चिंता ही नहीं है। और चिंता हो भी क्यों, आखिर उन्हें तो अपनी सेलरी टाईम पर मिल रही है, चाहे फिर किसी का कितना भी नुकसान हो।
डाक विभाग की सेवा से असंतुष्ट एक व्यक्ति ने शिकायत की है कि उसने गत 16 जून को असम के नार्थ लखीमपुर मुख्य पोस्ट ऑफिस से बिहार के जहानाबाद के राजेश कुमार के नाम से एक जरुरी दस्तावेज रजिस्टर्ड पोस्ट से (रसीद संख्या RS513475485IN) भेजा था, जो आज तक उन्हें नहीं मिला। इंटरनेट पर सर्च करने पर जो जानकारी मिली उसके अनुसार स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड लेटर विमान से जाता है। अब आप सोचिये यदि डाक ट्रेन से जाए, तब तो उसे गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए महीनो लग जाते।
उक्त रजिस्टर्ड लेटर 16 जून को नार्थ लखीमपुर मुख्य डाकघर से बुक किया गया और उसी दिन बैग में डाल दिया गया। एक दिन बाद सुबह 8.29 बजे उसी डाकघर के सीआरसी ब्रांच में पंहुचा और 11.41 बजे उसे बैग कर 11.50 बजे ही भेज दिया गया। पर इस पत्र को गुवाहाटी तक का सफर करने में 3 दिन लग गए। 20 जून को दिन के 2.30 बजे गुवाहाटी टीएमओ पंहुचा और 2.45 बजे गुवाहाटी के सीआरसी ने उसे हासिल किया और आगे बढ़ाया।
22 जून को उक्त पत्र गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई एयरपोर्ट के टीएमओ पंहुचा और 1.44 बजे कोलकाता के लिए भेज दिया गया। दो दिन बाद 24 जून को 11.54 बजे वहां के टीएमओ पहुंचा और टीएमओ ने 10.19 बजे रात में उसे पटना के लिए रवाना कर दिया। दो दिन विश्राम देने के उपरांत पत्र 4.51 बजे पटना के आरएमएस में पंहुचा और 5.16 बजे उसे गंतव्य स्थान के लिए भेजा गया है। इस तरह 12 दिनों के बाद भी पत्र अपने गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंचा है। अब देखना यह है कि उक्त पत्र जहानाबाद किस तारीख को पहुचता है।
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