उत्तर प्रदेश

वन है तो जीवन है, जल है तो कल है: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वन है तो जीवन है, जल है तो कल है। इस संकल्प के साथ हमें लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए जी-जान से जुटना होगा। उन्होंने कहा कि आज सौ करोड़वां पौधा लगाने जा रहा हूं। इस बाबत सभी को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। कहा कि […]

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वन है तो जीवन है, जल है तो कल है। इस संकल्प के साथ हमें लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए जी-जान से जुटना होगा। उन्होंने कहा कि आज सौ करोड़वां पौधा लगाने जा रहा हूं। इस बाबत सभी को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। कहा कि शाम तक इनकी संख्या सवा सौ करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। यह रिकार्ड जन सहभागिता व अधिकारियों के सहयोग से पूरा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पौधे आज लगाए जा रहे हैं, कल वह वृक्ष का रूप लेकर विभिन्न बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर साबित होंगे। प्रत्येक नागरिक से एक-एक पौधा लगाने की अपील की। बताया कि झांसी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अभियान की शुरुआत कर रही हैं और यहां पर वह ऋषि-मुनि की परंपरा को कायम रखते हुए सौ वर्ष पुराने वटवृक्ष का पूजन कर पौधा रोप रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने की नवाग्रह व नक्षत्र वाटिका की स्थापना 
मुख्यमंत्री ने पंचवटी, हरिशंकरी, नवाग्रह व नक्षत्र वाटिका की भी स्थापना की। इसमें आम, अमरूद, पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आंवला सहित विभिन्न औषधीय, छायादार व फलदार पौधों का रोपण किया गया। मुख्यमंत्री ने बरगद का पौधा रोपा। इसके बाद संबोधन में उन्होंने कहा कि एक से सात जुलाई तक वन महोत्सव के तहत हर साल पौधे रोपित किए जाते हैं। यह अभियान 2017 में पांच करोड़ 71 लाख से शुरू हुआ था, जो कि अब 30 करोड़ तक पहुंच गया है। सभी विधायक, मंत्री, भाजपा नेता व कार्यकर्ता पौधा लगा रहे हैं। यूपीडा ने वन विभाग के साथ मिलकर यहां स्थित एक प्राचीन बरगद के पेड़ को हेरिटेज (धरोहर) वृक्ष की मान्यता दी है। कहा कि जहां भी सौ वर्ष से अधिक पुराने वृक्ष हैं, उन्हें हेरिटेज वृक्ष की मान्यता देकर उनका संरक्षण किया जाएगा।

 पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की रीढ़ बताया
उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की रीढ़ बताया। कहा कि इसके दोनों तरफ हरित पट्टिका विकसित की जाएगी। इससे पर्यावरण संतुलन को मजबूती मिलेगी। इस दौरान वनमंत्री दारा सिंह चौहान की अगुआई में राम वन गमन के दौरान अस्तित्व में रहे वृक्षों को हरित पट्टिका में स्थान देने का चित्र भी मुख्यमंत्री को भेंट किया गया।

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