उत्तर बस्तर कांकेर: कृषि विज्ञान केन्द्र एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फार्म मशीनरी एवं पावर इंजिनियरिंग विभाग द्वारा लघु धान्य फसलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम घोटुलमुण्डा, तराईघोटिया, चिनगांव में 15 एकड़ रकबा में रागी (मड़िया) फसल का बीज उर्वरक बुवाई यंत्र (सीड ड्रिल) द्वारा कतार बोनी का प्रदर्शन किया गया। परम्परागत विधि में कृषक मड़िया को छिटकवा विधि से बुवाई करते है जिसके कारण कई बार प्रति इकाई क्षेत्र में पौध संख्या पर्याप्त न होने के कारण उपज में कमी आती है, वहीं दूसरी ओर अधिकांश कृषक इसे रोपाई विधि द्वारा फसल को लगाते है, इस विधि में कृषकों को मजदूरी लागत अधिक आती है, इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए बुवाई लागत को कम करने एवं उत्पादन को बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म इंदिरा रागी 1 की कतार बोनी का प्रदर्शन किया गया है। इस विधि से जहां एक ओर 10 से 12 प्रतिशत बीज की बचत होती है, वहीं दूसरी ओर मजदूरी लागत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आती है।
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