लखनऊ: कावंड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार कांवड़ संघों से संवाद में जुटी है। सीएम योगी ने अफसरों को कोविड महामारी के हालात को देखते हुए कांवड़ संघों से संवाद करने निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए बातचीत कर रही है। कांवड़ संघों की सहमति के आधार पर फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसीएस गृह और डीजीपी को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से संवाद स्थापित करने के भी निर्देश दिये हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार का आग्रह स्वीकार करते हुए कांवड़ यात्रा पर 19 जुलाई को अगली सुनवाई की तिथि तय की है।
परंपरागत रूप से 25 जुलाई से शुरु होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार हर स्थिति के हिसाब से तैयारी कर रही है। कोरोना महमारी को देखते हुए सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है । इसके लिये अधिकारियों को कांवड़ संघों से बातचीत करने को कहा गया है जिससे यात्रा के आयोजन को लेकर सही फैसला लिया जा सके। संवाद के दौरान सरकार के अधिकारी कांवड़ संघों को कोरोना की गंभीरता बताते हुए संवाद कर रहे हैं।
कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए। सावन के महीने में प्रत्येक वर्ष होने वाली धार्मिक यात्रा में प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। यात्रा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह रहता है। कोरोना को देखते हुए सरकार पहले से ही काफी सतर्कता बरत रही है। पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी। सरकार इस बार भी संघों से लगातार संवाद कर रही है।
यूपी सरकार का आग्रह स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर अगली सुनवाई की तिथि 19 जुलाई दी है। गौरतलब है कि सीएम योगी पहले ही कह चुके हैं कि महामारी व्यक्ति की जाति, चेहरा और मजहब नहीं देखती है।
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