पटना: राष्ट्र और धर्म जब संकट में होते हैं, तब धर्मसंस्थापना का कार्य इसी ‘गुरु-शिष्य’ परंपरा ने किया है । भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन एवं आर्य चाणक्य ने सम्राट चंद्रगुप्त के माध्यम से तत्कालीन सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन किया एवं आदर्श धर्माधारित राज्यव्यवस्था की स्थापना की । वर्तमान में भी समाज, राष्ट्र और धर्म की स्थिति दयनीय हो गई है । ऐसे समय जनता को प्रताडित करनेवाली लोकतंत्र की दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध लडना तथा रामराज्य के समान ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना करना कालानुसार श्रीगुरुसेवा ही है । इस उद्देश्य से 24 जुलाई 2021 को सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वाधान में संपूर्ण देश में ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा । कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष भी ऑनलाइन कार्यक्रम होंगे ।
हिन्दी, मराठी, अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड, तेलुगु, तमिल, पंजाबी, बंगाली, ओडिया और मल्यालम इन 11 भाषाओं में 23 एवं 24 जुलाई को ‘ऑनलाइन’ गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का प्रक्षेपण किया जाएगा । इन महोत्सवों में श्रीगुरुपूजन, सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु (डॉ.) जयंत आठवलेजी द्वारा किए गए मार्गदर्शन का संग्रहित भाग, स्वसुरक्षा का प्रत्यक्ष प्रदर्शन (बचाव और आक्रमण), आपातकाल की दृष्टि से की जानेवाली तैयारी (चलचित्र) एवं आपातकाल में हिन्दुओं की रक्षा और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के विषय में वक्ताओं का मार्गदर्शन होगा।
गुरु का क्या अर्थ है, गुरुदेव का जीवन में महत्त्व, गुरुकृपा कैसे कार्य करती है, उसका मार्गदर्शन इस महोत्सव में होगा । वर्तमान महामारी के आपातकाल में ईश्वरीय बल की बडी आवश्यकता है । इसलिए इस महोत्सव में सम्मिलित होने से गुरुदेवजी का आशीर्वाद प्राप्त होगा एवं हिन्दुओं का धार्मिक संगठन भी होगा । सनातन संस्था ने आग्रहपूर्वक आवाहन किया है सभी राष्ट्र और धर्मप्रेमी हिन्दू सपरिवार इस ऑनलाइन ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ का लाभ उठाएं तथा अपने मित्र-परिवार, परिचित, परिजन आदि को भी इसका निमंत्रण दें ।
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