राज्य

जोनाई में अखिल असम गोरखा छात्र संघ की महत्वपूर्ण सभा संपन्न

राजाखना और सिगा अंचल में राजस्व विभाग के द्वारा भुमि पट्टा प्रदान करने की मांग जोनाईः जोनाई महकमा गोरखा भूमि अधिकार सुरक्षा समिति, आग्सु की राजाखना आंचलिक समिति और आग्सु की धेमाजी जिला समिति के नेतृत्व में रविवार को राजाखना अंचल के भूमि समस्या के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सभा का आयोजन राजाखना उच्च माध्यमिक […]

राजाखना और सिगा अंचल में राजस्व विभाग के द्वारा भुमि पट्टा प्रदान करने की मांग

जोनाईः जोनाई महकमा गोरखा भूमि अधिकार सुरक्षा समिति, आग्सु की राजाखना आंचलिक समिति और आग्सु की धेमाजी जिला समिति के नेतृत्व में रविवार को राजाखना अंचल के भूमि समस्या के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण सभा का आयोजन राजाखना उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में किया गया। जिसमें सभा की अध्यक्षता गोरखा छात्र संघ की राजाखना आंचलिक समिति के अध्यक्ष संजु मगर ने की। सभा की उद्देश्य व्याख्या जोनाई महकमा गोरखा भूमि अधिकार सुरक्षा समिति के अध्यक्ष बीर बहादुर लिम्बु ने की। सभा में राजाखना और सिगा पंचायत के लोगों के भूमि को गाली वनांचल में शामिल करने की प्रक्रिया को उपस्थित लोगो ने विस्तार रुप से चर्चा की गई। उक्त सभा में अखिल असम गोरखा छात्र संघ के नेताओं के साथ ही स्थानीय लोग उपस्थित थे।

साधारण सभा के समाप्ति के बाद जोनाई महकमा गोरखा भुमि अधिकार सुरक्षा समिति, अखिल असम गोरखा छात्र संघ की राजाखना आंचलिक समिति और अखिल असम गोरखा छात्र संघ की धेमाजी जिला समिति के नेतृत्व में आज राजाखना अंचल के भुमि समस्या के संदर्भ में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया।

जिसमे जोनाई महकमा गोरखा भुमि अधिकार सुरक्षा समिति के महासचिव , अखिल असम गोरखा छात्र संघ के कानूनी सलाहकार और अधिवक्ता राजू छेत्री ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उपरोक्त समिति ने असम सरकार के द्वारा गोरखा लोगों को सुरक्षित श्रेणी की स्थान के फैसले पर संगठन ने सरकार को धन्यवाद ज्ञापन किया है। साथ ही अधिवक्ता राजू छेत्री ने कहा कि राजाखना और सिगा अंचल को गाली वनांचल के अंतर्गत शामिल कर अंचल के लोगों के भूमि को वन अधिकार कानून 2006 के अधीन में भुमि अधिकार प्रदान करने के कार्य को कड़ी शब्दों में विरोध जताते हुए बृहत अंचल के लोगों के गांव को राजस्व गांव के रूप में स्वीकृति प्रदान कर भूमि पट्टा प्रदान करने की मांग की है। संवाददाता सम्मेलन में अधिवक्ता राजू छेत्री ने कहा कि जोनाई महकमा के राजाखना और सिगा पंचायत के पुर्व में मेंजेक नाला, पश्चिम में देपी नदी, उत्तर में अरुणाचल के सीमावर्ती क्षेत्र और दक्षिण में पूर्व सीमांत रेलवे लाइन को लेकर चारों सीमा गठित बृहत अंचल गाली वनांचल के अंतर्गत नहीं था।

राजाखना और सिगा पंचायत के उक्त अंचल को सरकार के भुमि राजस्व विभाग के भूमि जरीप करने के साथ ही 1995 से 1998 तक स्थानीय लोगों से तौजी भूमि के रूप में खजाना संग्रह किया गया था। इसके बाद रहस्यमय तरीके से खाजाना संग्रह को बंद कर वन अधिकार कानून के अधीन भुमि का अधिकार प्रदान करने के कार्य का विरोध किया। साथ ही छेत्री ने कहा कि असम सरकार के धेमाजी में अनुष्ठित होने वाले केबिनेट की बैठक में राजाखना और सिगा पंचायत के भुमि समस्या का समाधान कर वन अधिकार कानून के बदले सरकार भुमि और राजस्व विभाग के जरिए जरीप कर भूमि पट्टा प्रदान करने की मांग की है। 

इस अवसर पर गोरखा सम्मेलन धेमाजी जिला समिति के महासचिव पार्थ छेत्री, सचिव मन बहादुर छेत्री, आग्सु जिला समिति के उपाध्यक्ष भीम तामांग, मुख्य स्वैच्छा सेवक दिलीप कुमार लिम्बु, किरण छेत्री, लाल बहादुर राई, भुमि अधिकार सुरक्षा समिति के उपाध्यक्ष लोक बहादुर राई सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। संवाददाता सम्मेलन में अधिवक्ता राजू छेत्री ने कहा कि धेमाजी में अनुष्ठित होने वाले केबिनेट बैठक में धेमाजी जिले के एकमात्र वर्षारण्य पोबा संरक्षित वनांचल को राष्ट्रीय वन्य प्राणी अभयारण्य के रुप में घोषणा करने के साथ ही धेमाजी जिले के विभिन्न ज्वलंत समस्याओं के समाधान करने की मांग की है।

Comment here