बिहार

दूषित पानी के सेवन से आदिम जनजाति परिवार का जीवन खतरे में

चंदवा (लातेहार): कामता पंचायत के ग्राम चटुआग की परहैया टोला में विलुप्त हो रहे आधे दर्जन आदिम जनजाति परिवार पानी समस्या से जूझ रहे हैं। करीब 35 सदस्य ढ़ोढ़ा के समीप बने चुआंड़ी का दूषित पानी का सेवन करने से उनके जीवन खतरे में हैं। झारखंड भ्रमण के दौरान लाटसाब के संवाददाता अनमोल कुमार ने […]

चंदवा (लातेहार): कामता पंचायत के ग्राम चटुआग की परहैया टोला में विलुप्त हो रहे आधे दर्जन आदिम जनजाति परिवार पानी समस्या से जूझ रहे हैं। करीब 35 सदस्य ढ़ोढ़ा के समीप बने चुआंड़ी का दूषित पानी का सेवन करने से उनके जीवन खतरे में हैं। झारखंड भ्रमण के दौरान लाटसाब के संवाददाता अनमोल कुमार ने आदिम जनजाति परिवार से मुलाकात की। आदिम जाति परिवारों ने पानी की समस्या से उन्हें अवगत कराया। दूषित और संक्रमित पेयजल की समस्या इस टोले में आज भी बरकरार है।

शुद्ध जल स्वास्थ्य की बुनियादी आवश्यकता है। शुद्ध पेयजल के लिए भले ही कुछ दावे किए जाते हों, लेकिन सभी को शुद्ध जल उपलब्ध कराने की बात आज तक पूरी नहीं हो पाई है। आदिम जनजाति टोले में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार और जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन यहां के लोग स्वच्छ पानी के लिए आज भी तरस रहे हैं।

आदिम जाति परिवारों को मजबूरन कीड़े युक्त पानी को पीना और इसी से खाना पकाना पड़ रहा है। दूषित पानी की समस्या की जानकारी सभी को है, लेकिन स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की ओर किसी का ध्यान नहीं है।

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