लखनऊः उत्तर प्रदेश में योगी सरकार यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। मिशन शक्ति के माध्यम से सरकार ने राज्य में महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया था।
मिशन शक्ति के तहत, सरकार न केवल महिला सुरक्षा, गरिमा और सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही है, बल्कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न उपाय भी कर रही है और महिलाओं को अपनी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए भी काम कर रही है।
मिशन शक्ति चरण-3 के तहत आयोजित स्वावलंबन शिविरों के माध्यम से निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ नए लाभार्थियों को भी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. स्वावलंबन शिविर एक अनूठा प्रयास साबित हो रहा है जहां एक दिन में प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवेदक, सत्यापन अधिकारी और अनुमोदन अधिकारी एक मंच पर एक साथ आते हैं।
मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत अब तक राज्य में ऐसे पांच शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।
स्वावलंबन शिविर के माध्यम से हजारों नए लाभार्थी सरकारी योजनाओं से जुड़े
इन पांच स्वावलंबन शिविरों के माध्यम से कन्या सुमंगला योजना के लिए 19,832 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 11,868 आवेदन स्वीकार किए गए। निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत लगभग 8,036 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से लगभग 3,150 आवेदन स्वीकार किए गए। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत लगभग 1872 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 627 स्वीकृत हुए, इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए 1912 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 364 स्वीकार किए गए।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक मनोज राय ने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और श्मिशन शक्तिश् जैसे अभियानों के माध्यम से अब सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है।
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