लखनऊ: कोरोना काल का सफलतापूर्वक सामना करने वाली योगी सरकार ने पिछली सरकारों के मुकाबले तेजी से ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं की सेहत में काफी हद तक सुधार किया है। पिछली सरकारों में जहां जर्जर पड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता था उन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का कायाकल्प कराने वाली योगी सरकार इनमें युद्धस्तर पर बेड बढ़ाने संग चिकित्सीय सुविधाओं का विस्तार तेजी से कर रही है। सरकार ने सब हेल्थ सेंटर पर विशेष जोर दिया है, जिसका परिणाम है कि इंडो-नेपाल बार्डर पर बसे थारू गांवों में जर्जर पड़े एएनएम उपकेंद्रों में 'ऑपरेशन ममता' से थारू जनजाति की महिलाओं की जिंदगी रोशन हो उठी है।
थारू बाहुल्य गांवों चंदनचौकी, गौरीफंटा, नझोटा, छेदिया पश्चिम, बनकटी और धुसकिया इन छह सब हेल्थ सेंटर का कायाकल्प कराने के बाद इन्हें प्रसव केंद्र में तब्दील किया गया है। जिससे आज गर्भवती महिलाओं को प्रसव की सुविधा के लिए दूर नहीं जाना पड़ता है। बता दें कि पिछली सरकारों में ये क्षेत्र अंधेरे में डूबे रहते थे। साल 2017 से पहले इन क्षेत्रों में पानी, बिजली व चिकित्सीय सुविधाएं नहीं थी वहीं सत्ता की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन क्षेत्रों में सब हेल्थ सेंटर की शुरूआत करते हुए 24 घंटे चिकित्सीय सुविधा दे रहे हैं। बता दें कि शुरू से ही सीएम थारू जनजाति संग आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। प्रसव के लिए प्रसूताओं को अस्पताल के लिए लंबी दूरी न तय करनी पड़े इसके लिए शासन ने अब सब सेंटरों पर भी यह सुविधा उपलब्ध कराई है।
सीएचसी-पीएचसी में 19 हजार बेडों का हो रहा विस्तार
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में 3602 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं, जिसमें 14,408 बेड हैं। वहीं, 943 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 28,290 बेड हैं। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में कोविड के लिए बेड की क्षमता को बढ़ाकर 70 हजार से पार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके तहत बेड को बढ़ाने का काम विभाग की ओर से किया जा रहा है। इसके साथ ही जिन सीएचसी-पीएचसी पर विस्तार की जगह है, उनमें प्री-फैब वार्ड बनाए जा रहे हैं। विभाग की ओर से सीएचसी-पीएचसी में लगभग 19 हजार बेड बढ़ाए जा रहे हैं।
Comment here
You must be logged in to post a comment.