उत्तर प्रदेश

रेप केस में स्पेशल जज की अदालत ने पीड़िता को दिया झटका, आरोपी को मिला संदेह का लाभ

ट्रायल में आवश्यक साक्ष्य मिलने पर कई आरोपियों को जज पवन कुमार शर्मा की कोर्ट से मिल चुकी है सजा,पर इस केस में आरोप साबित न होने के चलते गुड्डू को कोर्ट ने माना निर्दोष, कोर्ट में नहीं टिक सकी पीड़िता की कहानी सुलतानपुर: किशोरी को बहलाकर भगा ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म के […]

ट्रायल में आवश्यक साक्ष्य मिलने पर कई आरोपियों को जज पवन कुमार शर्मा की कोर्ट से मिल चुकी है सजा,पर इस केस में आरोप साबित न होने के चलते गुड्डू को कोर्ट ने माना निर्दोष, कोर्ट में नहीं टिक सकी पीड़िता की कहानी

सुलतानपुर: किशोरी को बहलाकर भगा ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म के मामले में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत से बार-बार तोड़ मरोड़ कर बयान पेश करने वाली पीड़िता को बड़ा झटका लगा है। बार-बार अलग अलग तरीके के सामने आये बयान एवं अन्य उपलब्ध साक्ष्यों के दृष्टिगत संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने आरोपी गुड्डू को सभी आरोपों में दोषमुक्त करार दिया है। अदालत के इस फैसले से मुकदमो में फंसे निर्दोषों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

मामला जामो थाना क्षेत्र के गोपालपुर गांव से जुड़ा है। जहाँ के रहने वाले आरोपी गुड्डू,उसके पिता पिरथी व उसके एक साथी के खिलाफ कमरौली थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता की मां ने 15 अप्रैल 2019 की घटना बताते हुए एसपी अमेठी से शिकायत की। एसपी अमेठी के निर्देश पर कमरौली थाने में अभियोगिनी की सूचना पर घटना के करीब दो सप्ताह बाद मुकदमा दर्ज हुआ। आरोप के मुताबिक अभियोगिनी की नाबालिग पुत्री को आरोपी गुड्डू पहले भी एक-दो बार भगा ले गया था, लेकिन सम्भ्रांत लोगो के समझाने बुझाने पर मामले में सुलह हो गई थी,आरोप के मुताबिक 15 अप्रैल 2019 को आरोपी गुड्डू,उसके पिता पिरथी एक अन्य साथी के साथ मिलकर पीड़िता को फिर बहलाकर भगा ले गए। इस दौरान आरोपी गुड्डू के जरिये लखनऊ स्थित किराए के कमरे में पीड़िता के साथ करीब महीने पर साथ रहने की बात सामने आई। इस दौरान पीड़िता के जरिये मौका पाने पर भी पुलिस व अन्य किसी के पास अपने साथ हुई घटना की शिकायत न करने की कोई वजह सामने न आ सकी। 

फिलहाल पुलिस ने लड़की की बरामदगी होने के पश्चात पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी गुड्डू के खिलाफ भगा ले जाने, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के आरोप में चार्जशीट दाखिल की। वहीं विवेचक ने अपनी तफ्तीश में ही गुड्डू के पिता व उसके आरोपी साथी के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर क्लीनचिट दे दी। मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद माह नवम्बर 2020 से आरोपी गुड्डू के खिलाफ विचारण शुरू हुआ। इस दौरान स्पेशल जज पाक्सों एक्ट/एडीजे-12 की अदालत में अभियोजन पक्ष ने वादिनी,पीड़िता एवं अन्य गवाहों को परीक्षित कराया और आरोपी गुड्डू को घटना का जिम्मेदार ठहराने की मांग की।

वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया। विचारण के दौरान पीड़िता के जरिये बार-बार तोड़ मरोड़कर बयान देने की बात सामने आई एवं अन्य पेश किए साक्ष्य भी संदेह से परे साबित नहीं हो सके,नतीजतन अभियोजन कहानी कोर्ट में साबित नहीं हो सकी। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा ने बार-बार तोड़ मरोड़कर सामने आए पीड़िता के बयान एवं अन्य पेश अभियोजन साक्ष्यों को सटीक न मानते हुए आरोपी गुड्डू को सन्देह का लाभ देते हुए उसे सभी आरोपो में दोषमुक्त करार दिया है। नाबालिगों से जुड़े अपराध के मामलो में कोर्ट की बढ़ी सक्रियता से इन दिनों ऐसे मामलों से जुड़े अपराधियों को सजा मिलने से दहशत का माहौल है,लेकिन वहीं झूठी कहानी के सहारे बेवजह मुकदमो में फंसे निर्दोष को स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत से बरी होने से झूठी कहानी के आधार पर केस दर्ज कराने वाले पक्ष को भी झटका लगा है।

वैसे भी आज-कल फर्जी कहानी के आधार पर बने मुकदमो की संख्या में काफी इजाफा देखा जा रहा है,जिस कारण मुकदमो का भार भी अदालतों पर बढ़ा है,लेकिन अधिकतर मामलों में अभियोजन की कहानी कोर्ट में नही टिक पाती है और आरोपियों को इसका लाभ मिल जाता है। ऐसे ही मुकदमो की बाढ़ की वजह से कभी-कभी सही-सही के पीड़ितों को भी न्याय नही मिल पाता और असल अपराधी बचते रहते है,ऐसे मामलों में पीड़ितों को जिले से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के भी चक्कर लगाते देखा जा रहा है और कभी-कभी निर्दोषों को भी बेवजह ही काफी समय तक जेल काटते देखा जा रहा है,जिन्हें साक्ष्य के आभाव में या अन्य किसी उचित कारणों से कोर्ट बरी कर देती है। ऐसे में भारत की न्याय व्यवस्था पर लोगो को यह भरोसा है कि अदालतें इस उद्देश्य से काम करती है और भविष्य में भी करती रहेंगी कि असल अपराधी बचने न पाये और कोई निर्दोष फंसने न पाये। ऐसे में पूर्व के फैसलों में लगातार स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा के जरिये सजा सुनाने की खबर से बौखलाए निर्दोषों में इस केस का फैसला सामने आने से उचित न्याय मिलने की आश जगी है।

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