ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर। (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने राज्य के आदिवासी नेताओं के साथ राजभवन, ईटानगर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस मनाया। राज्यपाल ने राज्य के विभिन्न जनजातियों के समुदाय आधारित नेताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि आदिवासी नेताओं को समाज, राज्य और राष्ट्र को प्रगति और समृद्धि के पथ पर ले जाना चाहिए, भावी पीढ़ी की भलाई के लिए काम करना चाहिए और प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए।राज्यपाल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक जननेता और एक क्षेत्रीय नायक थे, जिन्होंने आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और संरक्षण के लिए प्रयास किया।
राज्यपाल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा एक महान स्वतंत्रता सेनानी, एक जननेता और एक क्षेत्रीय नायक थे जिन्होंने आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और आदिवासी आस्था, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के लिए प्रयास किया। लोगों ने उनका इतना सम्मान किया कि उन्होंने उन्हें 'भगवान' की उपाधि दी। उन्होंने कहा कि भारत के आदिवासियों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में बहुत योगदान दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू किए गए जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य उनके बलिदान और योगदान को स्वीकार करना है।
राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस की गतिविधियों और उद्देश्यों को केवल उत्सव तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि भविष्य की दृष्टि से आदिवासी लोगों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए।
राज्यपाल ने आदिवासी नेताओं से उस अतीत को नहीं भूलने का आग्रह किया, जहां आदिवासी लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। अब आदिवासी नेताओं को समाज, राज्य और राष्ट्र को प्रगति और समृद्धि के पथ पर ले जाना चाहिए, भावी पीढ़ी की भलाई और प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने उनसे सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की भावना से काम करने का आग्रह किया। राज्यपाल ने समुदाय के नेताओं को सलाह दी कि वे राज्य की विकासात्मक प्रगति में खुद को शामिल करें और परियोजना कार्यान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही, ईमानदारी, मुस्तैदी, समान वितरण, लेखा परीक्षा और मध्यावधि सुधार सुनिश्चित करें। उन्होंने उनसे युवाओं को उद्यमिता और जैविक खेती के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया, जिसमें बहुत संभावनाएं हैं।
गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय की ओर से पीजी टैगो और श्रीमती ओलेन मेगू दामिन ने जनजातीय गौरव दिवस समारोह के लिए केंद्र सरकार और राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उत्सव स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों के योगदान को उजागर करने में मदद करेगा।वरिष्ठ नागरिक और राजीव गांधी विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. ताई न्योरी ने इस अवसर पर राज्यपाल को उनके द्वारा लिखित 'ए फ्रीडम मूवमेंट इन द ट्वाइलाइट- ट्राइबल पैट्रियटिज्म इन द नॉर्थ-ईस्टर्न फ्रंटियर ट्रैक्ट्स ऑफ इंडिया' नामक पुस्तक भेंट की।
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