नई दिल्लीः केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (Central Trade Unions) के एक संयुक्त मंच द्वारा भारत में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Nationwide strike) की घोषणा की गई है।
ये भारत बंद (Bharat Bandh) बैंकिंग, परिवहन, रेलवे और बिजली सेवाओं सहित अन्य सेवाओं को प्रभावित करने वाला है। सोमवार और मंगलवार के लिए, भारत बंद विरोध का उद्देश्य सरकार की मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों को उजागर करना है।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और क्षेत्रीय संघों और संघों का मंच उनकी दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक साथ आया।
यह पहला बड़ा विरोध है जो भारत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद देखा जा रहा है।
केरल में भी भारत बंद के पहले दिन सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया। कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियों पर वाम समर्थित प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया है।
इसके अलावा, लगभग 20 करोड़ प्रदर्शनकारियों के भारत बंद (Bharat Bandh) के आह्वान में शामिल होने की उम्मीद है।
बिजली मंत्रालय ने रविवार को सभी राज्य सरकार और बिजली अधिकारियों को एक एडवाइजरी जारी की।
यह उन्हें 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहता है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने यह भी कहा कि बैंक संघ सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को रोकने और उन्हें मजबूत करने की मांग करता है।
किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा भी विरोध के आह्वान का समर्थन करता है। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रक्षा क्षेत्र में रेलवे कर्मचारी और दूसरे कर्मचारी भी बड़े पैमाने पर लामबंदी कर सकते हैं।