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Jatoli Shiva Mandir: जहां पत्थरों से आती है डमरू की आवाज

जटोली शिव मंदिर (Jatoli Shiva Mandir) भारत देश के हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) राज्य के सोलन (Solan) जिले में स्थित है, जिसकी स्थापना श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज (Swami Krishnananda Paramhansa Maharaj) ने की थी। स्वामी कृष्णानंद परमहंस 1950 में जटोली आए थे। 1974 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। […]

जटोली शिव मंदिर (Jatoli Shiva Mandir) भारत देश के हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) राज्य के सोलन (Solan) जिले में स्थित है, जिसकी स्थापना श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज (Swami Krishnananda Paramhansa Maharaj) ने की थी। स्वामी कृष्णानंद परमहंस 1950 में जटोली आए थे। 1974 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। जटोली की हसीन वादियों में स्थित है यह भव्य शिव मंदिर। इस मंदिर को पूरी तरह से तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा था। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर का पूरा निर्माण भक्तों द्वारा दिए गए दान से किया गया है।

सबसे ऊंचा शिव मंदिर
जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी जो 1983 में ब्रह्मलीन हो गए। स्वामी कृष्णानंद के समाधि लेने के बाद मंदिर प्रबंधक कमेटी ने मंदिर का निर्माण जारी रखा। मंदिर में 11 फुट लंबा स्वर्ण कलश है, जो भक्तों द्वारा चढ़ाया गया है। इससे मंदिर की ऊंचाई करीब 122 फुट तक पहुंच गई। कमेटी का दावा है कि यह उत्तर भारत का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। जटोली स्थित शिव मंदिर में 17 लाख रुपए की लागत का स्फटिक शिवलिंग स्थापित है।

मंदिर में भगवान शिव की उपस्थिति
जटोली शिव मंदिर में लोगों की आस्था और आस्था का कारण न केवल भगवान शिव की शरण लेने से मनोकामना पूर्ति होती है, बल्कि इस मंदिर में भगवान शिव की उपस्थिति भी है। इस मंदिर से जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें लोगों की आस्था को और गहरा करती हैं। देवभूमि हिमाचल में भगवान शिव के कई मंदिर हैं और सभी का महत्व बहुत अधिक है। लेकिन ये मंदिर कुछ खास है।

मंदिर के पत्थरों से आती है डमरू की आवाज
जटोली शिव मंदिर के बारे में भक्तों का कहना है कि यहां के पत्थरों से डमरू की आवाज आती है। कभी-कभी भक्तों को इस वजह से भी वहां भगवान शिव की मौजूदगी का अहसास होता है। ऐसा माना जाता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय यहां रहे थे।

यहां मणि शिवलिंग क्रिस्टल से बना है
मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग स्थापित किया गया है। इस मंदिर में देवी पार्वती के साथ-साथ कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मौजूद हैं। वहीं, मंदिर के ऊपरी सिरे पर 11 फीट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो इस मंदिर को और भी आकर्षक बनाता है।

कभी नहीं हुई पानी की समस्या
मान्यता के अनुसार भगवान शिव जटोली आ रहे थे और भगवान शिव के परम भक्त स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी ने यहां भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। तब यहां पानी की काफी समस्या होती थी। स्वामी कृष्णानंद परमहंस के तप से प्रसन्न होकर शिव ने अपने त्रिशूल से जमीन से पानी निकाला। तब से लेकर आज तक जटोली में पानी की समस्या नहीं है। लोग इस पानी को चमत्कारी मानते हैं। उनका मानना है कि इस पानी में किसी भी बीमारी को ठीक करने का गुण है।