Bihar bridge collapse: अररिया में नवनिर्मित पुल ढहने के कुछ दिनों बाद, बिहार के सीवान जिले में शनिवार को एक और पुल ढह गया। 30 साल पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने से आस-पास के इलाकों में दहशत फैल गई, हालांकि, इस दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ।
एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि पुल ढहने की यह दूसरी घटना है। पहली घटना 18 जून को बिहार के अररिया जिले में हुई थी। 30 साल पुराना यह पुल दरौंदा ब्लॉक के रामगढ़ा पंचायत के गांवों को मुख्य क्षेत्र से जोड़ता था। पुल ढहने की वजह से यात्रियों को यात्रा करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
Another bridge collapsed in Bihar, this time in the Siwan district.
This is the second incident of a bridge collapse within a week after a newly constructed bridge fell into the river in Bihar’s Araria district.
JDU-BJP has made Bihar a fully corrupt state. pic.twitter.com/kRqODYWgBo
— Sarthak Kashyap (Jasodaben Ka Parivar) (@sarthakkashyap4) June 22, 2024
बिहार में एक सप्ताह में दूसरा पुल ढहने की घटना
जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता ने पीटीआई को बताया कि यह पुल एक नहर के ऊपर स्थित था और सुबह करीब 5 बजे ढह गया। यह पुल तीस साल पुराना था और इसे महाराजगंज के तत्कालीन विधायक उमा शंकर सिंह के योगदान से बनाया गया था।
पीटीआई ने डीएम के हवाले से कहा, “इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। यह बहुत पुरानी संरचना थी और जाहिर तौर पर नहर से पानी छोड़े जाने पर खंभे ढह गए। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जब तक इसे बहाल नहीं किया जाता, प्रभावित गांवों के निवासियों को यथासंभव कम असुविधा का सामना करना पड़े।”
दरौंदा बीडीओ सूर्य प्रताप सिंह ने पीटीआई को बताया, “स्थानीय लोगों का दावा है कि पुल का निर्माण 1991 में तत्कालीन महाराजगंज विधायक उमा शंकर सिंह के योगदान से हुआ था।”
पिछली पुल ढहने की घटना ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया और राज्य में किए जा रहे विकास कार्यों पर सवाल खड़े किए। ग्रामीण कार्य विभाग ने मामले में आंतरिक जांच शुरू कर दी है और पिछली घटना से जुड़ी सड़क परियोजना से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

