नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक रंजीत सिन्हा का शुक्रवार सुबह दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गुरुवार रात उनका कोरोना का टेस्ट किया गया था, जिसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी। बिहार कैडर के 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी सिन्हा 2012 से 2014 के बीच सीबीआई के निदेशक के निदेशक भी रह चुके हैं। उन्होंने रेलवे सुरक्षा बल का भी नेतृत्व किया था और सीबीआई प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले पटना और दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया था। बिहार के सिवान जिले के रहने वाले रंजीत सिंह के निधन से पूरे जिले में शोक की लहर है।
हाल के वर्षों में सिन्हा का कार्यकाल आसानी से सीबीआई निदेशक के लिए सबसे कठिन था। वह 2014 में एक के बाद एक विवादों में घिर गया था। उसने इशरत जहां हत्याकांड मामले में इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ भी काम किया था।
बिहार के 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी 2014 में फिर चर्चा में आए जब उनकी पत्नी ने पटना से लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग की।
सिन्हा पर कोयला ब्लॉक आवंटन में जांच को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया गया था। बाद में यह पता चला कि 2ळ घोटाले में आरोपी फर्मों के प्रतिनिधि या प्रतिनिधि कथित तौर पर दर्जनों बार उनके आधिकारिक आवास पर गए थे।
2004 और 2009 के बीच त्रुटिपूर्ण तरीके से ब्।ळ को सरकार द्वारा 194 कोयला ब्लॉक आवंटित करने का आरोप लगाने के बाद कोयला आवंटन घोटाला, या ‘कोलगेट’ ने 2012 में यूपीए सरकार को घेर लिया था।
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