बिहार

जेल में बंद अपराधियों ने रची थी अररिया के पत्रकार विमल यादव के हत्या की साजिश

अररिया पुलिस ने पत्रकार विमल यादव हत्याकांड का खुलासा करते हुए नामजद 8 आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दो अभी फरार हैं और दो अपराध कर्मी सुपौल अररिया के जेल में बंद है।

पटना: अररिया पुलिस ने पत्रकार विमल यादव हत्याकांड का खुलासा करते हुए नामजद 8 आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दो अभी फरार हैं और दो अपराध कर्मी सुपौल अररिया के जेल में बंद है।

पत्रकार विमल यादव की हत्या के बाद उनके पिता हरेंद्र प्रसाद हरेंद्र प्रसाद सिंह के बयान पर पुलिस ने रानीगंज थाना कांड संख्या 338/ 2023 दर्ज किया जिसमें आठ लोगों को नामजद किया गया था ।अररिया पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 8 में से 4 अपराधियों को धर दबोचा। जबकि दो अपराधकर्मी अभी अररिया और सुपौल की जेल में बंद है ।दो फरार चल रहे हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापामारी कर रही है।

गिरफ्तार अपराध कर्मियों के नाम विपिन यादव ,भवेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव बताया जाता है। जबकि रुपेश यादव सुपौल जेल में और कांति यादव अररिया के जेल में गब्बू हत्याकांड में बंद है। जानकार बताते हैं कि गबू यादव हत्याकांड न्यायालय में ट्रायल स्टेज में है और कई गवाहों की गवाही हो चुकी है

सुपौल जेल में बंद रूपेश जाधव और अररिया जेल में बंद कांति जाधव पत्रकार विमल यादव की छोटे भाई गब्बू यादव की वर्ष 2019 में हुए हत्याकांड में नामजद हैं। यह मामला न्यायालय में ट्रायल के तहत है।

इस हत्याकांड का एक आरोपी माधव अभी कुछ दिन पहले जेल से छूटा है। माधव ने कई गवाहों को तोड़कर अपनी तरफ मिला लिया है। वह विमल यादव को भी लगातार दबाव बनाकर गवाही नहीं देने के लिए मना कर रहा था और समझौता के लिए दबाव बना रहा था ।विमल इसके लिए तैयार नहीं थे इस कारण माधव ने भाड़े के हत्यारों को सेट कर विमल मौत के घाट उतरवा दिया।विमल यादव हत्याकांड का सेटर माधव को ही बताया जाता है ।माधव फरार चल रहा है।

अररिया के एस पी अशोक कुमार सिंह ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। एसपी सिंह के अनुसार पत्रकार विमल यादव अपने छोटे भाई गबु की हत्या के प्राथमिकी के शिकायत कर्ता थे। सुपौल अररिया के जेल में बंद रुपेश और कांति को यह आभास हो गया था कि अगर विमल ने इस गब्बू हत्याकांड में गवाही दे दिया तो उन लोगों को सजा तय हैं ।इसी कारण साजिश और षड्यंत्र के तहत जेल में बैठे इन दोनों अपराधियों ने अपने गुर्गों के माध्यम से विमल को गवाही देने से रोकने की पूरी कोशिश की और जब सफल नहीं हुए तो उसकी हत्या कर दी।

दूसरी ओर बिहार प़ेस मेन्स यूनियन ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर विमल के दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से पार्थना की और राज्य सरकार से अपराधी की गिरफ्तारी की मानग और परिजनों को 50 लाख मुआवजा देने की बात की है।