पटनाः 27 अक्टूबर 2013 का दिन गांधी मैदान के लिए इतिहास बन गया। इतिहास बना आतंकवादियों की कायरता का। उस दिन उस समय प्रधानमंत्री पद के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी हुंकार रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन आतंकवादियों ने कायरता का परिचय देते हुए सीरियल बम विस्फोट को अंजाम दिया। इस बम ब्लास्ट में कई लोगों की मौत हुई और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए। बिहार के साथ-साथ पूरे देश में हड़कंप मच गया। उसके बाद रैली हुई और उसके बाद पुलिस की जांच शुरू हुई।
एनआईए ने 31 अक्टूबर 2013 को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। स्कूल कांड के मास्टरमाइंड हैदर अली सहित 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। किसी आरोपी को जमानत नहीं मिली। इस मामले में 6 लोगों की मौत हुई थी और 84 लोग घायल हुए थे।
एनआईए अनुसंधान कर 31 अगस्त 2014 को हैदर अली हनुमान अंसारी मोहम्मद मकबूल अंसारी मोहम्मद इम्तियाज आलम अहमद हुसैन फखरुद्दीन मोहम्मद फिरोज अंसारी मोहम्मद आलम और तौफीक अंसारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया। फिलहाल दोनों पक्ष की सुनवाई सुनने के बाद एनआईए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया और अब 27 अक्टूबर को गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट मामले पर एनआईए कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
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