बिहार

बिहार के 5 BEd Training Colleges की मान्यता रद्द

परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरने से देशभर के 26 कॉलेजों पर एनसीटीई का एक्शन

पटना: बिहार के 5 बीएड ट्रेनिंग कॉलेजों (BEd Training Colleges) की मान्यता एनसीटीई ने रद्द कर दी है। इसमें दो सरकारी और तीन प्राइवेट बीएड कॉलेज शामिल हैं। इन सभी कॉलेजों ने परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरी थी। इनमें गवर्नमेंट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज (सहरसा) और गवर्नमेंट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज (छपरा) का नाम है।

तीन अन्य निजी कॉलेजों में महात्मा बुद्ध टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज (सीतामढ़ी), केडी कॉलेज ऑफ एजुकेशन (बक्सर) और मर्यादा पुरुषोत्तम कॉलेज ऑफ एजुकेशन (बक्सर) है। इनमें महात्मा बुद्ध टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज(सीतामढ़ी) के डीएलएड कोर्स की मान्यता रद्द कर दी गई है।

इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के भी कई कॉलेजों की मान्यता को रद्द किया गया है। इसमें असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड के दर्जनों कॉलेज का नाम शामिल है। जारी लिस्ट में देश के 26 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गयी है।

वहीं, इसबार अप्रेजल रिपोर्ट नहीं भरने वाले कॉलेजों को पहले ही एनसीटीई ने संयुक्त बीएड परीक्षा में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया था। इसी के आधार पर पहले कई कॉलेज वंचित हो गए था।

सहायक प्राध्यापकों की कमी से समस्या उत्पन्न हुई
एनसीटीई के विजिटिंग टीम के सदस्य एवं पटना यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य डॉ. कुमार संजीव और पटना विवि के डॉ सत्येंद्र यादव ने कहा है कि परफॉर्मेंस एप्रेजल रिपोर्ट (पीएआर) भरने में सबसे बड़ी समस्या बीएड कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की कमी रही थी।

निजी कॉलेजों को प्राध्यापकों की नियुक्ति जल्द करनी चाहिए। वहीं, निजी कॉलेजों के कहना है कि विश्वविद्यालयों द्वारा गठित सलेक्शन कमेटी के जरिये प्राध्यापकों नियुक्ति की जाती है। जिसमें टाइम लगता है। साथ ही यूजीसी-नेट अथवा पीएचडी योग्यताधारी कम तनख्वाह पर काम नही करना चाहते हैं।

इधर, बीएड अभ्यर्थियों का कहना है कि ये कॉलेज वाले निर्धारित फीस से भी ज्यादा पैसा लेते हैं। अच्छे शिक्षकों को नियुक्त नहीं करते हैं। अगर अच्छे शिक्षकों को नियुक्त नहीं करते हैं और इनकी मान्यता रद्द की जाती है तो एनसीटीई का अच्छा फैसला है।