नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में सभी बैंक शाखाओं में नई चेक ट्रंकेशन सिस्टम (Cheque Truncation System, CTS) का विस्तार करने का निर्णय लिया है। CTS वर्तमान में देश के प्रमुख बैंकों की शाखाओं में चालू है, लेकिन विभिन्न बैंकों की छोटी शाखाओं में नहीं।
आरबीआई ने एक ताजा अधिसूचना में बताया कि बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनकी सभी शाखाएं 30 सितंबर, 2020 तक संबंधित ग्रिड के तहत ‘छवि-आधारित’ सीटीएस में भाग लें।
आरबीआई ने कहा, ‘‘सीटीएस की उपलब्धता का लाभ उठाने के लिए और उसकी बैंक शाखा के स्थान के बावजूद समान ग्राहक अनुभव प्रदान करने के लिए, देश में सभी बैंक शाखाओं में सीटीएस का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे अपनी पसंद के मॉडल को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसे हर शाखा में उपयुक्त बुनियादी ढांचे को तैनात करना या हब और स्पोक मॉडल का पालन करना, आदि और संबंधित बैंक इसे संचालित करने के लिए आरबीआई के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ समन्वय करेंगे।’’
आरबीआई ने बैंकों को सलाह दी कि वे सीटीएस के अखिल भारतीय कवरेज को प्राप्त करने के लिए रोडमैप के बारे में सूचित करें और 30 अप्रैल, 2021 से पहले एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि सीटीएस 2010 से उपयोग में है और वर्तमान में इसमें लगभग 1,50,000 शाखाएं शामिल हैं।
क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम
चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है। इसमें जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है, बल्कि चेक की इमेज लेकर ही उसे क्लियर कर दिया जाता है। असल में पुरानी व्यवस्था में चेक जिस बैंक में प्रस्तुत किया जाता है, वहां से अदाकर्ता बैंक शाखा तक की यात्रा करता है। इस तरह इसे क्लियर होने में समय लगता है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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