नई दिल्लीः ऑटो एलपीजी पर जीएसटी दरों में कमी और रूपांतरण किट (Conversion Kit) पर सब्सिडी ऑटोमोबाइल में ईंधन के रूप में एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा दे सकती है, भारतीय ऑटो एलपीजी गठबंधन (IAC) ने मंगलवार को क्लीनर विकल्पों के अधिक हिस्से के साथ वाहनों के ईंधन मिश्रण को फिर से बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
एक बयान में, नोडल निकाय और क्लीनर और हरित ईंधन के एक प्रमुख अधिवक्ता, IAC ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अर्जित अस्थायी लाभों के साथ, हाल के कई अध्ययनों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि वायु प्रदूषण को देश के लिए एक शीर्ष चिंता का विषय बने रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑटो एलपीजी न केवल कार्बन-आधारित पेट्रोल और डीजल की तुलना में 40-50 प्रतिशत सस्ता है, बल्कि पारंपरिक ईंधन की तुलना में इसका उत्सर्जन भी नगण्य है। इसलिए, ऑटो एलपीजी को अपनाने से शुद्ध हवा और स्वच्छ वातावरण होता है।’’
इसने पिछले महीने की ग्रीनपीस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आठ सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों की राजधानियों ने अप्रैल 2020 और अप्रैल 2021 के बीच नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) के स्तर में वृद्धि का अनुभव किया है, जो कथित रूप से लॉकडाउन-संचालित वायु गुणवत्ता सुधार थीसिस को बढ़ाता है।
चूंकि NO2 वाहनों से होने वाले प्रदूषण के प्रमुख उत्पादों में से एक है, इसलिए देश में वाहनों की ईंधन नीति पर फिर से ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता है।
सुयश गुप्ता, निदेशक जनरल, आईएसी ने कहा, ‘‘काफी समय से, हम सरकार से एक वाहन ईंधन नीति अपनाने का आग्रह कर रहे हैं जो हमारे देश में, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में लगातार और यहां तक कि बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर की वास्तविकता को दर्शाएगा।’’
ग्रीनपीस की रिपोर्ट में हाइलाइट किए गए आठ शहरों में, दिल्ली ने अप्रैल 2020 और अप्रैल 2021 के बीच NO2 के स्तर में 125 प्रतिशत की अधिकतम वृद्धि दर्ज की है।
उन्होंने कहा, ‘‘सीएसई की एक अन्य रिपोर्ट में जनवरी-मार्च 2021 में पिछले दो वर्षों के समान महीनों की तुलना में दोपहर 2.5 का स्तर अधिक पाया गया है।’’
यह कहते हुए कि सरकार को अपनी वाहन ईंधन नीति पर तत्काल पुनर्विचार करना चाहिए, गुप्ता ने कहा कि ऑटो एलपीजी को 18 प्रतिशत के उच्च जीएसटी स्लैब से मामूली 5 प्रतिशत स्लैब में तत्काल स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।
इसी तरह, सरकार को ऑटो एलपीजी रूपांतरण किट की बाजार दरों को सब्सिडी देने के लिए 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब से बाद वाले स्लैब को कम करने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब गैसीय ईंधन में रूपांतरण को नियंत्रित करने वाले प्रकार अनुमोदन मानदंडों में ढील के साथ जोड़ा जाता है, तो देश में ऑटो एलपीजी की वृद्धि के लिए रेट्रोफिटमेंट बाजार को एक जरूरी प्रोत्साहन मिलेगा।’’
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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