जशपुरनगर : जशपुर जिले के दूरस्थ अंचल क्षेत्रों के लोगों को उनके घरों में बायोगैस संयंत्र स्थापित करके ईंधन की साधन उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में जिले के कांसाबेल विकासखंड के ग्राम नकबार में कुल 26 हितग्राहियों के यहाँ बायोगैस संयंत्र का स्थापना कार्य किया गया है। जिससे हितग्राही उक्त संयंत्र से समुचित लाभ उठा रहें है तथा छ.ग. शासन जिला प्रशासन को हितग्राहियों ने संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रसन्नता के साथ धन्यवाद दिया है। हितग्राही गोविंद राम चौहान, अघनू चौहान, रंजीत टोप्पो, अन्तो राम यादव, जयसिंह खेस्स, सिसिलिया लकड़ा, मरियानुष लकड़ा, अविनाश एक्का, पास्कल खेस्स एवं अशोक साय सिदार ने बताया कि बायोगैस संयंत्र स्थापना होने से गैस प्राप्त तो होती ही है साथ ही साथ उन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो रही है जैसे कि लकड़ी की बचत कर प्रत्येक परिवार एक वर्ष में लगभग 24000 रू. की बचत तथा संयंत्र निर्माण होने के पश्चात् सिलेण्डर गैस प्रति वर्ष 24000 रू की बचत हो जाती है। इस प्रकार बायोगैस प्लांट निर्माण पश्चात् मुफ्त में गैस एवं उच्च गुणवत्ता युक्त खाद की भी प्राप्ति हो जाती है।
क्रेडा विभाग के सहायक अभियंता संदीप बंजारे ने बताया कि संयंत्र निर्माण केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा अ.जा. एवं अ.ज.जा वर्ग हेतु 22000 एवं पिछड़ा एवं सामान्य वर्ग हेतु 21000 का अनुदान भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बायोगैस संयंत्र एक ऐसा ईंधन का साधन है जिसे कोई भी ग्रामवासी जिसके यहाँ समुचित मात्रा में जानवरों का गोबर उपलब्ध हो, इस योजना का लाभ उठा सकता है। बायोगैस संयंत्र से भोजन पकाने हेतु गैस तो मिलती ही है, साथ में उच्च गुणवत्ता की खाद भी प्राप्त होती है। बायोगैस संयंत्र से निकलने वाली गैस से लैंप जलाकर प्रकाश की व्यवस्था की जा सकती है, इसके उपयोग से जलाऊ लकडी, एल.पी.जी., केरोसिन आदि की बचत की जा सकती है। इससे वनों की कटाई में भी कमी होगी। 02 घन मीटर क्षमता के बायोगैस संयंत्र निर्माण कर हितग्राही बिना किसी खर्च के अपने घर में ही मवेशी से प्राप्त गोबर से 02 एल.पी.जी. के बराबर प्रतिमाह गैस प्राप्त कर सकता है। प्रत्येक घन मी. के लिए 25 किलो ग्राम गोबर की आवश्यकता होती है। बायोगैस से प्राप्त खाद को हितग्राही बेचकर भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।
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