छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री डोंगरगढ़ में ’प्रशाद’ योजना के तहत 40.33 करोड़ के विकास कार्यों का करेंगे भूमिपूजन

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 2 मार्च को डोंगरगढ़ में ’प्रशाद’ योजना (Pilgrimage Rejuvenation And Spiritual Heritage Augmentation Drive) के तहत पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 40 करोड़ 33 लाख रूपए के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल वीडियो कांफ्रेंसिंग से कार्यक्रम में शामिल होंगे। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन […]

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 2 मार्च को डोंगरगढ़ में ’प्रशाद’ योजना (Pilgrimage Rejuvenation And Spiritual Heritage Augmentation Drive) के तहत पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 40 करोड़ 33 लाख रूपए के कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल वीडियो कांफ्रेंसिंग से कार्यक्रम में शामिल होंगे। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन एवं राजनांदगांव के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव चिंतामणि महराज और विकास उपाध्याय तथा पर्यटन मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक रुपिंदर बरार भी कार्यक्रम में शामिल होंगी।

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ’प्रशाद’ योजना के तहत पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए देशभर में 31 स्थलों का चयन किया गया है, जिनमें से डोंगरगढ़ भी एक है। परियोजना के अंतर्गत डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही यहां साढ़े नौ एकड़ भूमि पर पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। श्रीयंत्र के आकार में निर्मित होने वाला यह भवन पूरी परियोजना का विशेष आकर्षण होगा। पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर में ध्यान केंद्र, विश्राम कक्ष, प्रसाद कक्ष, सांस्कृतिक मंच, क्लॉक रूम, सत्संग कक्ष, प्रदर्शनी गैलरी, टॉयलेट, पेयजल, लैंडस्कैपिंग, सोलर लाईट और पार्किंग स्थल आदि निर्मित किए जाएंगे। इसके साथ ही मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी पर सीढ़ियों का जीर्णोद्धार, रेलिंग, शेड, पेयजल सुविधा, पगोड़ा, सोलर लाईट, पार्किंग, सीसीटीवी, तालाब का सौंदर्यीकरण, बायो-टॉयलेट, मेडिकल रूम और साइनेज स्थापित किए जाएंगे। प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर भी ध्यान केंद्र, कैफिटेरिया, पार्किंग, सीढ़ियों का जीर्णोद्धार, सोलर लाईट, पेयजल और साइनेज की सुविधा प्रदान की जाएगी। डोंगरगढ़ में पर्यटन सुविधाओं के विकास और सौंदर्यीकरण से यह देश के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित हो जाएगा।

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