रायपुर : मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों के माध्यम से मजदूरी भुगतान के दौरान आ रही ट्रान्जेक्शन रिजेक्शन्स की समस्याओं को समय-सीमा में दूर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को परिपत्र जारी कर ट्रान्जेक्शन्स रिजेक्शन वाले मामलों में मनरेगा श्रमिकों को बैंक से जारी पास-बुक में अंकित नाम व खाता क्रमांक के आधार पर नरेगा सॉफ्टवेयर (नरेगा-सॉफ्ट) में दर्ज श्रमिकों के नाम व खाता क्रमांक को अद्यतन कर सुधरवाने कहा है। उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत कार्यरत प्रोग्रामरों व सहायक प्रोग्रामरों के जरिए त्रुटियों को समय-सीमा में ठीक करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ट्रान्जेक्शन रिजेक्शन जैसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
राज्य मनरेगा आयुक्त ने जिला पंचायतों के सीईओ को जारी परिपत्र में कहा है कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी भुगतान निर्धारित समय-सीमा में किया जाना है, किंतु श्रमिकों के खातों में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण मजदूरी भुगतान के ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो रहे हैं। इससे श्रमिकों को समय पर भुगतान नहीं मिल पाता है। ट्रांजेक्शन रिजेक्ट होने के प्रमुख कारणों में “अमान्य खाता प्रकार, ऐसा कोई खाता नहीं, खाता बंद या स्थानांतरित, निष्क्रिय आधार, केवाईसी अपडेट नहीं, खाता मौजूद नहीं है, आधार को खाते से नहीं जोड़ा गया, बैंकों के मर्ज होने की स्थिति में अमान्य बैंक पहचानकर्ता, आई.एफ.एस. कोड का गलत होना एवं दावारहित खाता” हैं। इन समस्याओं को निराकृत करने के लिए समस्यावार की जाने वाली कार्यवाही संबंधी मार्गदर्शिका सभी जिलों को परिपत्र के साथ भेजी गई है। मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों को भेजी गई मार्गदर्शी-सूची अनुसार आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई तत्काल करने को कहा है। उन्होंने मार्गदर्शी-सूची में उल्लेखित समस्याओं के अतिरिक्त कोई अन्य समस्या आने या किसी समस्या का समाधान नहीं हो पाने पर ऐसे मामलों की जानकारी सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ राज्य कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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