कोरबाः कहावत है ‘‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’’। यह कहावत आज उस समय सच सबित हुई, जब कोरबा मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर गेवरा बस्ती गांव के आगे एक कुएं में लोगों ने एक विशालकाय अजगर को देखा। कुछ असामाजिक तत्वों ने बिना सोचे समझे कुएं के अन्दर शांत बैठे अजगर को परेशान करना शुरू कर दिया। लोगों का जब मन नहीं भरा तो उन लोगों ने ईट-पत्थर से मारकर अजगर को बुरी तरह से घायल कर दिया। लोगों ने अजगर को मार-मारकर अधमरा कर दिया। जब उनको लगा कि अजगर मर चुका है, तब लोग वहां से भाग खड़े हुए। कुएं में पड़े घायल अजगर पर अश्वनी मिरी नामक व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी। मानवता दिखाते हुए उसने बिना देरी किए स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख (वन विभाग सदस्य) जितेंद्र सारथी को इसकी सूचना दी।
मामले की गम्भीरता को देखते हुए, जितेंद्र सारथी अपनी टीम के सदस्य राजू बर्मन के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। कुसमुंडा का रास्ता खराब होने की वजह से रेस्क्यु टीम को काफी समय लग गया। रेस्क्यू टीम जब मौके पर पहुंची, तो कुछ ग्रामीण लोगों की मदद से सीढ़ी के सहारे कुएं में उतरने का निर्णय लिया गया। सारथी जैसे ही सीढ़ी से नीचे पहुंचे, गुस्से से आग बबूला अजगर दर्द से छटपटा रहा था। अजगर ने जैसे ही जितेंद्र सारथी को अपनी तरफ आते देख तो उसने उनके ऊपर ही हमला कर दिया। बड़ी मशक्कत के बाद अजगर को कुंए से बाहर लाया गया। तब भी वह लगातार हमला कर रहा था। कुंए से निकालने के बाद उसे पानी में नहलाया गया ताकि उसको थोड़ा आराम मिले और चोट कहां लगी हैं अच्छे से दिखाई दे सके। बाद में अजगर को बोरी में बंद कर कोरबा लाया गया। फिर कोरबा डीएफओ प्रियंका पाण्डेय को इस बाबत जानकारी दी गई। जिसके उपरांत उसका इलाज कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया। निश्चित ही ये काम बेहद ही सराहनीय रहा। वन विभाग जिस तरह वन्य जीवों के लेकर सजग है, आगे कोरबा जिले को अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा।
जितेंद्र सारथी ने की लोगों से अपील
हम लगातार जिले में अपनी सेवा दे रहें हैं। इस तरह का घटना हमें तकलीफ देती है। आगे इस तरह की घटना न हो उसके लिए आम लोगों से अपील की कि कभी भी सांप दिखाई दे तो उसे मारे नहीं, बल्कि हमारे टोल फ्री नंबर 8817534455 पर सुचना दें ताकि कोई भी दुर्घटना होने से बच सके।
Comment here
You must be logged in to post a comment.