छत्तीसगढ़

कोण्डानार हस्तशिल्प महोत्सव से स्थानीय शिल्पकारों को मिल रही है पहचान

कोण्डागांव: प्राचीन काल से ही हस्तशिल्प के गढ़ के रूप में विख्यात रहा है कोण्डागांव। यहां की ढोकरा बेलमेटल शिल्पकला, रॉटआयरन शिल्प, टेराकोटा (माटीकला) शिल्प, भित्ती चित्र निर्माण, बांस शिल्प एवं काष्ठकला पूरे देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यहां के शिल्पकारों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कलाओं के लिए […]

कोण्डागांव: प्राचीन काल से ही हस्तशिल्प के गढ़ के रूप में विख्यात रहा है कोण्डागांव। यहां की ढोकरा बेलमेटल शिल्पकला, रॉटआयरन शिल्प, टेराकोटा (माटीकला) शिल्प, भित्ती चित्र निर्माण, बांस शिल्प एवं काष्ठकला पूरे देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यहां के शिल्पकारों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कलाओं के लिए कई पुरस्कार एवं सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। परंतु कोरोना संक्रमण के प्रसार के कारण शिल्पकारों के समक्ष वित्तीय संकट खड़ा हो गया था। जिसके कारण कई शिल्पकार अपनी पारम्परिक कलाओं को छोड़कर दूसरों के खेतों में श्रमिक के रूप में कार्य करने को मजबूर हो गये थे।

ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा शिल्पकारों को एक नया मंच प्रदान कर उनकी आय में वृद्धि करते हुए पारम्परिक कलाओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से कोण्डानार हस्तशिल्प महोत्सव 2021 का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव में जिले के स्थानीय शिल्पकारों के साथ विभिन्न राज्यों से आये शिल्पकारों द्वारा भी प्रदर्शनी लगायी गई है। ऐसे आयोजनों से स्थानीय शिल्पकारों को अन्य शिल्पकारों से कला के संवर्धन हेतु प्रेरणा प्राप्त होती है। इस प्रकार जिला प्रशासन द्वारा शिल्पकारों के लिए किये जा रहे अभिनव प्रयास हेतु उन्होंने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।

इस महोत्सव में कोण्डागांव के स्थानीय कलाकारों में जयमती कोर्राम द्वारा बांसशिल्प, जोहार ढोकरा आर्ट, रत्नी कोर्राम द्वारा बांसशिल्प, तीजूराम बघेल द्वारा लौहशिल्प, प्रगति महिला स्व-सहायता समूह द्वारा विभिन्न शिल्प, श्रद्धा सीटी लेवल फ्रेडरेशन गोठान समिति द्वारा जैविक खाद एवं मिट्टी के बने रंग बिरंगे दीयों, उड़ान महिला कृषक प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा स्थानीय निर्मित उत्पाद, आशा चूड़ी प्रशिक्षण केन्द्र कोण्डागांव द्वारा रंग बिरंगी चूड़ियों, पंखूडी सेवा समिति द्वारा स्थानीय कलाकारों द्वारानिर्मित ढोकरा राखियों एवं अन्य बेलमेटल सामग्रियों, शबरी एम्पोरियम द्वारा कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस महोत्सव में विभिन्न राज्यों एवं जिलों से भी कलाकार अपने शिल्पकृतियों के साथ आये हैं। इसमें वाराणसी से बनारसी हैण्डलूम, भागलपुर बिहार से भागलपुरी सिल्क, वर्धमान पश्चिम बंगाल से बंगाली सिल्क काथा वर्क, मुरादाबाद से मुरादाबादी हैण्डीक्राफ्ट, झारखण्ड से मोहम्मद ईरफान द्वारा आर्टिफिसियल आभूषण, बनारसी दुपियन, मोगा एवं रेशम सिल्क, जयपुरी कॉटन, मुकेश प्रजापति द्वारा क्रॉकरी एवं टेराकोटा आर्ट लखनऊ द्वारा प्रदर्शनी में हिस्सा लिया गया है। इसके अतिरिक्त चांपा से चांपा बुनकर सहकारी समिति द्वारा कोसा साड़ियों, जांजगीर से आदिशक्ति बुनकर समिति चोरिया द्वारा कॉटन हैण्डलूम साड़ियों, चांपा से जाजलदेव समिति द्वारा कोसा सिल्क, नारायणपुर से कुंती मण्डावी द्वारा बांसशिल्प की प्रदर्शनी लगायी गयी है। यहां केशकाल ईको टूरिज्म का प्रमोशन कैम्प एवं आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा पारम्परिक वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी के साथ स्व-सहायता समूह द्वारा स्थानीय व्यंजनों का विक्रय किया जा रहा है।

इस महोत्सव में अब तक कलाकारों द्वारा बनारसी, कोसा और टसर सिल्क का अब तक 1.2 लाख एवं हस्तशिल्प से बने ढोकरा शिल्प, बांसशिल्प एवं रॉटआयरन कलाकृतियों के 2.5 लाख रूपयों एवं मुरादाबादी ब्रास मेटल का कुल 01 लाख रूपयों की सामग्री का विक्रय किया जा चुका है। इस महोत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया है। प्रतिदिन सायंकाल में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शनी के साथ होने वाले रंगारंग कार्यक्रमों में सम्मिलित होते हैं। इसके अतिरिक्त इस महोत्सव में महोत्सव में गरबा, कोण्डागांव आर्केस्ट्रा, कवि सम्मेलन, जगदलपुर आर्केस्ट्रा, ओपन स्टेज, ज्वेलरी लॉन्च एवं ट्राइबल फैशन शो, चांवरा स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा नृत्य प्रस्तुति एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है।

महोत्सव में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
इस महोत्सव में कवि सम्मेलन के प्रति लोगों का रूझान देखते हुए पुनः कवि सम्मेलन बुधवार को आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में हरेन्द्र यादव द्वारा छत्तीसगढ़ी हास्यरस में प्रस्तुति दी गई। वहीं रामेश्वर शर्मा, उमेश मण्डावी, बनऊ राम नाग ने अपनी कविताओं से जमकर लोगों को हंसाया साथ ही सैय्यद तौशिफ आलम एवं मनोहर सग्गू ने अपनी उर्दु शायरियों एवं गजलों से लोगों का मनोरंजन किया। वहीं बृजेश तिवारी ने वीर रस तो एसपी विश्वकर्मा ने देशभक्ति रचनाओं से लोगों को अभिभूत किया। इस कार्यक्रम में मधू तिवारी द्वारा श्रृंगार रस, उत्तम नाईक द्वारा छत्तीसगढ़ी हल्बी रचनाओं, महेश पाण्डे द्वारा लोक साहित्य का वर्णन करती गाथाओं के साथ नारायण सिंह नेताम, गिरजा निषाद एवं उमंग दुबे द्वारा अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का मनोरंजन किया गया।

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