छत्तीसगढ़

कुपोषण को दूर करने 22 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनी पोषण वाटिकाएं

रायपुर : महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी […]

रायपुर : महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं तैयार हो चुकी हैं। इन पोषण वाटिकाओं में आंगनबाड़ी परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी व फल उत्पादित किया किए जा रहे हैं। उत्पादित पौष्टिक साग-सब्जियों और फल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राही बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें आहार के रूप प्रदान किया जा रहा है।

कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भेंटकर लोगों को अपने घरों में बाड़ियां तैयार करने और उनमें पौष्टिक साग-सब्जी लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे बच्चों को ताजा और बेहतर आहार उपलब्ध हो ओर वे कुपोषण के शिकार न हो। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक असर हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है। जो कुपोषण दूर करने में काफी सहायक है।

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कुपोषण को दूर करने 22 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनी पोषण वाटिकाएं

रायपुर : महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी […]

रायपुर : महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं तैयार हो चुकी हैं। इन पोषण वाटिकाओं में आंगनबाड़ी परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी व फल उत्पादित किया किए जा रहे हैं। उत्पादित पौष्टिक साग-सब्जियों और फल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राही बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें आहार के रूप प्रदान किया जा रहा है।

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