रायपुर: सब्जी उत्पादन से संतोषी बाई जैसी बेरोजगार महिला को आमदनी की नई राह मिल गई है। कोरिया जिले के विकासखंड खडगंवा के ग्राम पंचायत ठगगांव की संतोषी और उनके पति की कमाई का जरिया अब सब्जी उत्पादन से जुड़ गया है। वे अपनी जमीन पर करेला, बैंगन और हरी मिर्च जैसे सब्जियों का उत्पादन का कार्य कर रहे हैं। मौसम के अनुसार सब्जी-भाजी की खेती ने इस दंपति की आमदनी में न सिर्फ इजाफा किया है, अपितु आत्मनिर्भर बनने की राह को भी आसान बना दिया है।
संतोषी छत्तीसगढ़ ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से जुड़ी हैं। वे गणेश स्वसहायता समूह की सदस्य हैं। संतोषी और उनके पति चार साल से खेती-बाड़ी का काम कर रहे हैं। एक वर्ष पूर्व ही संतोषी समूह से जुड़ी। समूह से जुड़कर संतोषी को अपने खेती-किसानी के काम को बढ़ाने में ऋण प्राप्त करने में आसानी हुई।
समूह से जुड़कर संतोषी ने सब्जी उत्पादन के काम को ही इस योजना के तहत आजीविका के रूप में जारी रखा। इसमें उन्होंने समूह एवं संकुल स्तरीय संगठन के माध्यम से 50 हजार रूपये की राशि सामान्य ऋण के रूप में ली जिससे वे अपने इस सब्जी उत्पादन के कार्य को आगे बढ़ा पाए। सब्जी को संतोषी और उनके पति साप्ताहिक बाजार व मंडी में बेचकर अब अच्छी आय प्राप्त कर लेते हैं। बिहान के ज़रिए प्राप्त वित्तीय सहायता से उनकी मदद हुई और उत्पादन बढ़ने से अब उनकी मासिक आय 8 से 10 हजार तक हो जाती है जिससे वे दोनों बहुत खुश हैं। अब वे अपने आय को और बढाने के लिए सब्जी-बाड़ी के काम को विस्तार देने की योजना भी बना रहे हैं। संतोषी की इस मेहनत और आमदनी को देखते हुए अन्य महिलाएं भी इसी तरह आत्मनिर्भर बनने की राह में अग्रसर है।
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