रायपुर: महिलाएं विपरीत परिस्थितियों से भी लड़कर आगे बढ़ने का जज्बा रखतीं हैं। उनके इसी जज्बे को और मजबूत बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कई योजनाएं चला रही है। गरीबी,तलाक,पति की मृत्यु जैसे जीवन में कई बाधाओं से लड़कर आगे बढ़ती इन महिलाओं को आत्मनिर्भरता के साथ चलने में महिला एवं बाल विकास के महिला कोष की सक्षम योजना बखूबी बढ़ावा दे रही है। इसका परिणाम है कि सक्षम योजना की मदद से नक्सल प्रभावित आदिवासी क्षेत्र दंतेवाड़ा की 11 महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
सक्षम योजना से दंतेवाड़ा जिले की सुनिता कश्यप मोटर मेकेनीक, हेमलता रजक बुटिक, सावित्री सिंह किराना दुकान, जामदई बघेल किराना दुकान, लक्ष्मीबाई किराना दुकान, मलिका मजूमदार फर्नीचर दुकान, मेहतरीन नेताम किराना दुकान, सुनिता उईके किराना दुकान, फुलाना बाई सोनी होटल संचालन कार्य, स्वाति सिंह कपड़ा व्यवसाय, सरस्वती नाग कपड़ा सिलाई एवं सिलाई मशीन कार्य कर स्वावलम्बी बनी हैं। सभी 10 हजार रूपये से अधिक प्रतिमाह आय प्राप्त कर रही है। महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से इन सभी महिलाओं को कुल 9 लाख 40 हजार का ऋण प्रदान किया गया था। जिससे वो अपने रूचि अनुसार व्यवसाय शुरू कर पायें। अब ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन समाज में सम्मानजनक जीवनयापन कर रही है। इस मदद के लिये सभी महिलाओं ने छत्तीसगढ शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना जरूरतमंद महिलाओं के लिये वरदान है।
उल्लेखनीय है कि महिला कोष के अंतर्गत संचालित ‘‘सक्षम योजना‘‘ का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की संकटग्रस्त महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने हेतु ऋण प्रदान कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान व सुखमय जीवन के अवसर उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत प्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं,ऐसी महिलाएं जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है, 35 से 45 आयु वर्ग की अविवाहित अथवा कानूनी तौर पर तालाकशुदा महिलाओं, ग्राम पंचायत या सामाजिक संस्था द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर परित्यकता महिलायें जो कि संकट ग्रस्त परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही है को कामकाज के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत 6.50 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर पर एक लाख रुपये तक का ऋण 5 वर्षों के लिये आसान किस्तों हेतु स्वीकृत किया जाता है।
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