
नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा में एक 7 किमी लंबी सुरंग मिली है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बताया कि यह सुरंग लाल किले तक जाती है। इसके इतिहास पर कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानियों को स्थानांतरित करते समय प्रतिशोध से बचने के लिए किया था।
गोयल ने कहा कि हम इसके मुहाने की पहचान करने में कामयाब रहे हैं, लेकिन इसका आगे नहीं खोदेंगे। जल्द ही हम इसे फिर से करेंगे और इसे जनता के लिए उपलब्ध कराएंगे। बहाली का काम अगले साल 15 अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है। उसके बाद जनता इसे देख सकेगी।
सुरंग को पहली बार 5 फरवरी 2016 को खोजा गया था। दिल्ली विधानसभा में एक गुप्त सुरंग की खोज की गई थी जो 7 किमी लंबी है। यह सुरंग ब्रिटिश काल की है। जब दिल्ली में देशभक्तों के खून से धरती लाल हो रही थी, तो यही वह सुरंग थी, जिसके जरिए देश के वीरों को फांसी पर चढ़ाया जाता था।
आपको बता दें कि करीब 7 किलोमीटर लंबी यह सुरंग लाल किले तक जाती है। इतिहास में इस बात के प्रमाण हैं कि दिल्ली विधान सभा का उपयोग ब्रिटिश अदालत के रूप में किया जाता था। यह 1926-27 से 1947 तक का दौर था। कहा जाता है कि लाल किले में बंदी बनाए गए स्वतंत्रता सेनानियों को इसी गुप्त सुरंग के जरिए दिल्ली विधानसभा (उस समय का ब्रिटिश दरबार) लाया गया था। मुख्य सभा भवन के पीछे एक फांसी का कमरा हुआ करता था, जहाँ स्वतंत्रता सेनानियों को फाँसी दी जाती थी।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बताया था कि 1993 में जब वे विधायक बने तो उन्होंने विधानसभा कर्मचारियों से सुना था कि एक ब्रिटिश अदालत हुआ करती थी, जहां स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी जाती थी। 2016 में राम निवास गोयल ने बताया था कि उस साल जब हरियाणा किसी कार्यक्रम में गया था, जहां दिल्ली की पूर्व विधायक किरण चौधरी ने उन्हें इस सुरंग के बारे में बताया था। इसके बाद वापस लौटने पर उन्होंने इसका पता लगाने के लिए जांच पड़ताल की, जिससे इस सुरंग का पता चला।

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