दिल्ली/एन.सी.आर.

Delhi Violence: दीप सिद्धू, लाख सिधाना ने प्रदर्शनकारियों को भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर लगभग दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे किसान। लेकिन, ऐसा क्या हुआ कि अचानक गणतंत्र दिवस (Republic day) के दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तब किसानों ने राजधानी में घुसकर उत्पात मचा दिया। उन्होंने दिल्ली में घुसकर बैरिकेटिंग तोड़ डाली, डीटीसी […]

नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर लगभग दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे किसान। लेकिन, ऐसा क्या हुआ कि अचानक गणतंत्र दिवस (Republic day) के दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तब किसानों ने राजधानी में घुसकर उत्पात मचा दिया। उन्होंने दिल्ली में घुसकर बैरिकेटिंग तोड़ डाली, डीटीसी बसों में तोड़फोड़ की, पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे अभिनेता दीप सिद्धू (Deep Sidhu) और गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बने लखना सिधाना (Lakhna Sidhana) ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाई। 

सूत्रों के अनुसार, सिद्धू और सिधाना दो दिन पहले दिल्ली आए और सिंघू सीमा पर प्रदर्शनकारियों को भड़काऊ भाषण दिया। सिद्धू, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के सनी देओल के लिए प्रचार किया, और सिधाना, जिनके खिलाफ 26 मामले दर्ज किए गए हैं, नवंबर से सिंघू सीमा पर किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें भड़काने का काम कर रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) हरियाणा इकाई के प्रमुख गुरनाम सिंह चादुनी सहित कई किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस पर मध्य दिल्ली में हुई पथराव हिंसा से खुद को अलग कर लिया, आरोप लगाया कि दीप सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और उन्हें लाल किले तक पहुंचाया। 

उन्होंने कहा, “दीप सिद्धू हिंसा के दौरान लाल किले में मौजूद थे। हम शुरू से ही उसके विरोध में थे। एक जांच शुरू की जानी चाहिए कि दीप सिद्धू लाल किले में माइक्रोफोन के साथ कैसे पहुंचे। ”

कांग्रेस के लोकसभा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भी दावा किया कि यह दीप सिद्धू थे जिन्होंने लाल किले में झंडा फहराया था। बिट्टू ने कहा कि वह (सिद्धू) प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के सदस्य हैं।

लाल किले की घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में, सिद्धू ने हिंदी में बात करते हुए कहा कि निशान साहब और किसान यूनियन का झंडा ‘भावनाओं के प्रवाह में’ फहराया गया था। उन्होंने कहा, “दीप सिद्धू इतनी भारी भीड़ को कैसे भड़का सकता हैं। आप मेरा लाल किले में एक भी वीडियो नहीं दिखा सकते। सभी को लाल किले से तुरंत बाहर निकाल दिया गया था।”

सूत्रों ने कहा कि सिद्धू की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं थीं और वह अपनी पार्टी बनाना चाहते थे। किसान आंदोलन के दौरान सिद्धू और सिधाना दोनों बहुत सक्रिय रहे हैं। 

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