
नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर लगभग दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को उग्र रूप धारण कर लिया। जानकारी के मुताबिक, किसानों के इस हिंसक हुए आंदोलन में दिल्ली पुलिस के लगभग 86 जवान जख्मी हुए हैं। हालांकि किसानों को ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली पुलिस से मंजूरी मिली थी, लेकिन उसके लिए समय और रूट तय किया गया था। लेकिन किसानों ने उसके उलट सुबह ही दिल्ली की कई सीमाओं पर बैरिकेड तोड़कर राजधानी में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। जिस समय राजपथ पर 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था, ठीक उसी समय किसानों ने भी घमासान शुरू कर दिया। दोपहर तक किसान लाल किले की प्राचीर तक पहुंच गए और वहां पर खालसा का झंडा फहरा दिया।
Video Link:
इसी बीच उनके रास्ते में जो भी आया उन्होंने अपने ट्रैक्टर के जरिए तोड़ डाला। रास्ते में खड़ी की गई डीटीसी की बसों को पलट दिया गया। हद तो तब हो गई जब उन्होंने पुलिस पर तलवार से हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तो कुछ जगहों पर हल्का लाठीचार्ज किया। लेकिन, हिंसक हुए प्रदर्शनकारी नहीं मानें और उन्होंने पुलिसवालों को ही दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की और उन्हें वापस लौटने को कहा।
दिल्ली पुलिस के पीआरओ ईश सिंघल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘‘प्रदर्शनकारी कुछ स्थानों पर हिंसक हो गए। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। मैं प्रदर्शनकारियों से निर्दिष्ट मार्गों से लौटने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।’’

ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने न्यूज एजेंसी से कहा, ‘‘आज दिल्ली में जिन्होंने तोड़फोड़ की, वे किसान नहीं किसान के दुश्मन हैं, ये साजिश का अंग है। आज की गुंडागर्दी से, साजिश से हमने सबक लिया है। भविष्य में आंदोलन में ऐसे लोगों को घुसने का मौका न मिले, हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाएंगे।’’

दूसरी तरफ, हरियाणा के सी.एम.ओ. ने कहा, ‘‘हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने आज एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए, सभी उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों, और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को सुनिश्चित किया जाए।



Comment here
You must be logged in to post a comment.