दिल्ली/एन.सी.आर.

NH-9 ट्रैफिक के लिए फिर से खुलेगा, दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स हटाना शुरू किए

नई दिल्लीः केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध में किसान कई महीनों से गाजी बार्डर पर बैठे थे, जिससे एनएच 9 की एक साईड बंद थी। इससे एनएच 9 का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसी के चलते नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में […]

नई दिल्लीः केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध में किसान कई महीनों से गाजी बार्डर पर बैठे थे, जिससे एनएच 9 की एक साईड बंद थी। इससे एनएच 9 का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसी के चलते नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, याचिका में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के कारण यात्रियों को होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला गया था और प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की सीमा से हटाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर के आदेश के बाद पुलिस ने किसान नेताओं से बात कर बैरिकेड्स हटाने की कार्रवाई शुरू की है।

पुलिस ने शुक्रवार को गाजीपुर सीमा से बैरिकेड्स हटाना शुरू कर दिया। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में एनएच 9 पर ट्रैफिक की आवाजाही शुरू हो जाएगी। ऐसा ही नजारा गुरुवार रात टिकरी बॉर्डर पर भी देखने को मिला।

डीसीपी (पूर्वी जिला) प्रियंका कश्यप ने बताया कि वे गाजीपुर से बैरिकेड्स हटा रहे हैं और आने वाले दिनों में ट्रैफिक की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं क्योंकि उनका दावा है कि नए नियम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को कमजोर करेंगे।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्हें वरिष्ठों से आदेश मिला और बैरिकेड्स को हटाया जाए। सड़क को फिर से यातायात के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने किसानों के साथ बात की होगी और स्थिति का आकलन करने के बाद इसे हटा रहे हैं।’’

26 जनवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने लोहे और सीमेंट के बैरिकेड्स की कई परतें, और कम से कम पांच परतों वाली कंटीना तारों को लगा दिया था। गाजीपुर में एनएच 9 पर लगे लोहे कटीले तारों को हटाते हुए पुलिस अधिकारी और मजदूर भी देखे गए।

डीसीपी (बाहरी जिला) परविंदर सिंह ने कहा, ‘‘हम टिकरी सीमा से भी बैरिकेड्स हटा रहे हैं।’’ जेसीबी मशीनें बैरिकेड्स हटाती नजर आईं।

न्यायमूर्ति एस के कौल, दो-न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश भी शामिल थे। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर के आदेश के बाद आया है कि प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़कों को अनिश्चित काल तक अवरुद्ध नहीं कर सकते। आखिरकार कोई न कोई समाधान निकालना ही होगा। कानूनी चुनौती लंबित होने पर भी हम विरोध करने के अधिकार के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, सड़कों को इस तरह से अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। 

पीठ नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के कारण यात्रियों को होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला और प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की सीमा से हटाने की मांग की थी।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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