
नई दिल्लीः मानसून में देरी के कारण देश की राजधानी दिल्ली भीषण गर्मी और लू के थपेड़े झेलने को मजबूर है। जुलाई के मौसम में गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राजधानी में गुरुवार को अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 2012 के बाद से जुलाई के महीने में सबसे अधिक है।
सफदरजंग मौसम केंद्र, जिसे पूरे शहर के लिए आधिकारिक मार्कर माना जाता है, पर अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि साल के इस समय के अनुसार 6 डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से चार डिग्री अधिक 31.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
आईएमडी के रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम तापमान 2012 और 1987 दोनों में 2 जुलाई को 43.5 डिग्री सेल्सियस को छू गया था। बुधवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे अधिक तापमान है। दिन का न्यूनतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा। आईएमडी ने कहा कि कम से कम 7 जुलाई तक मॉनसून में देरी के कारण राजधानी में लू चल रही है।
मैदानी इलाकों में, हीटवेव के दिनों में जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है, और जब दिन का अधिकतम तापमान 4.5 डिग्री से अधिक हो जाता है। जब सामान्य तापमान से 6.5° डिग्री या इससे अधिक का विचलन होता है, तब भीषण लू की घोषणा की जाती है। मौसम अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और गरज के साथ शुक्रवार को लू से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जिससे तापमान में 1-2 डिग्री की कमी आने की संभावना है।
मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उच्च तापमान से थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन तापमान अभी भी 40 डिग्री से ऊपर रहने की उम्मीद है।’’
मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं ने कहा कि अगले सप्ताह से पहले मानसून के आने की संभावना नहीं है। 8 जुलाई से पहले मानसून के आने की संभावना नहीं है, और तब तक तापमान अधिक रहने की संभावना है। आमतौर पर, इस तरह का उच्च तापमान दिल्ली में जून के दूसरे सप्ताह तक देखा जाता है, लेकिन इस बार हमें गर्म और शुष्क पछुआ हवाएँ मिल रही हैं जो पारे के स्तर को बनाए हुए है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)


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