दिल्ली/एन.सी.आर.

Tractor Rally: हिंसा में 86 पुलिसकर्मी घायल, 22 मामले दर्ज, लालकिले पर भारी फोर्स तैनात

नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर लगभग दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को उग्र रूप धारण कर लिया। उन्होंने दिल्ली में घुसकर बैरिकेटिंग तोड़ डाली, डीटीसी बसों में तोड़फोड़ की, पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी दी है कि इस घटनाक्रम […]

नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर लगभग दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को उग्र रूप धारण कर लिया। उन्होंने दिल्ली में घुसकर बैरिकेटिंग तोड़ डाली, डीटीसी बसों में तोड़फोड़ की, पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। दिल्ली पुलिस ने इसकी जानकारी दी है कि इस घटनाक्रम में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा में बुधवार की सुबह तक 22 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं मंगलवार पूरे दिन चले रैली के रूट से हटकर उग्र होकर लालकिले में पहुंचे सभी प्रदर्शनकारियों को किले से बाहर निकाल दिया गया है और लालकिले में भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। लालकिला मेट्रो स्टेशन पर प्रवेश द्वारा को बंद कर दिया गया 

पुलिस ने मीडिया को बताया कि ज्यादातर मुकरबा चैक, गाजीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी पॉइंट, टिकरी बॉर्डर और लाल किले पर हुई हिंसा के मामले 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और 8 डीटीसी बसों सहित 17 निजी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है। गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्रैक्टरों से पुलिस बैरिकेड्स भी तोड़ दिए हैं।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस के साथ कई बैठकें की और आश्वासन दिया था कि प्रस्तावित योजना के तहत शांतिपूर्ण रैली निकाली जाएगी। इसके लिए रूट और समय तय था, लेकिन मगलवार की सुबह ट्रैक्टर रैली शुरू होने से पहले ही प्रदर्शनकारियों ने बवाल शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक, सिंघु बॉर्डर पर सुबह साढ़े 8 बजे तक कम से कम 6,000 से 7,000 ट्रैक्टर इकट्ठा हो गए थे। प्रदर्शनकारी किसान तय किए गए रूट की बजाय सेंट्रल दिल्ली में जाने देने की मांग कर रहे थे।

पुलिस ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस के मना करने के बावजूद, घोड़ों पर निहंगो, जो तलवार, कृपाण और फरसा और दूसरे हथियारों से लैस थे, उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया और कई बैरिकेडिंग तोड़ दी, जो मुबरका चैक और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच में लगाए गए थे।’’ पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि आईटीओ में- जहां पुलिस का हेडक्वार्टर है- वहां गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर से किसानों का बड़ा समूह आया था और नई दिल्ली की ओर जाने की कोशिश कर रहा था। उन्हें वहां जाने से रोका गया तो उन्होंने बड़ पैमाने पर हिंसा शुरू कर दी। किसानों ने यहां पर उपद्रव मचाना शुरू कर दिया। यहां तक कि बैरिकेडिंग पर तैनात पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई। मदद के लिए और पुलिस फोर्स बुलाने के बाद हालात पर काबू पाया जा सका।

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