नई दिल्लीः केन्द्र सरकार के द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले हजारों किसानों ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला (Red Fort) परिसर में प्रवेश किया। जहां पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हिंसक झडप हुई। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और हल्का लाठीचार्ज किया। लेकिन किसान काफी बड़ी संख्या में थे और पुलिस की संख्या काफी कम थी और किसान अपने ट्रैक्टरों पर सवार थे। पुलिस उन्हें रोकने में नाकामयाब रही और उन्होंने ऐतिहासिक लालकिले पर कब्जा जमा लिया। प्रदर्शनकारी किसान यहीं नहीं रूके, उन्होंने लालकिले पर खालसा का झंडा भी फहरा दिया।
#WATCH | Delhi: Protestors attacked Police at Red Fort, earlier today. #FarmersProtest pic.twitter.com/LRut8z5KSC
— ANI (@ANI) January 26, 2021
हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि ट्रैक्टर रैली का रूट और समय तय था, लेकिन कई प्रदर्शनकारी दिए गए मार्गों से हटकर दूसरे मार्गों पर चले गए और पुलिस से भिड़ गए। इसी तरह की एक हिंसक घटना में एक ट्रैक्टर दुर्घटना में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे आईटीओ पर ट्रैक्टर बैरिकेड से टकराकर में पलट गया, जिसमें प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।
#WATCH | A protesting farmer died after a tractor rammed into barricades and overturned at ITO today: Delhi Police
CCTV Visuals: Delhi Police pic.twitter.com/nANX9USk8V
— ANI (@ANI) January 26, 2021
बता दें कि मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को दिल्ली के कुछ हिस्सों में निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने अभी तक हिंसा पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह के घर पर उच्चस्तरीय बैठक हुई है, इस बैठक में गृह सचिव और दिल्ली पुलिस कमिश्नर मौजूद हैं। गृहमंत्री को आज के घटनाक्रम के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली में प्रतिष्ठित लालकिले को भी क्षति पहुंचाई है। प्रदर्शनकारी दिल्ली में लालकिले की प्राचीर पर एक गुंबद पर चढ़ गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने लालकिले पर गुंबद के शीर्ष पर खालसा का झंडा फहराया।
उल्लेखनीय है कि हजारों किसान केन्द्र द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग के लिए नवंबर से दिल्ली के बाहरी इलाके में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते कानूनों के निलंबन के एक सरकारी प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली (भाजपा) सरकार के खिलाफ भारत में सबसे लंबे समय तक किसानों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों में से एक है।
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