धर्म-कर्म

Makar Sankranti 2022: सनातन धर्म में मकर संक्रांति का महत्व

अनमोल कुमार सनातन धर्म (Sanatan Dharm) में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का प्रमुख महत्व है। मकर संक्रांति से भगवान सूर्यदेव उत्तरायण (Uttarayan) हो जाते हैं। ज्योतिष की दृष्टि से भी यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। इस वार सूर्य देव (Surya Dev) का मकर राशि (Makar Rashi) मे प्रवेश सूर्यास्त होने के बाद होगा इसीलिए इस […]

अनमोल कुमार

सनातन धर्म (Sanatan Dharm) में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का प्रमुख महत्व है। मकर संक्रांति से भगवान सूर्यदेव उत्तरायण (Uttarayan) हो जाते हैं। ज्योतिष की दृष्टि से भी यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है।

इस वार सूर्य देव (Surya Dev) का मकर राशि (Makar Rashi) मे प्रवेश सूर्यास्त होने के बाद होगा इसीलिए इस वर्ष 2022 को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पौष माह की त्रियोदशी तिथि, 15 जनवरी शनिवार को मनाई जाएगी। क्योकि 14 जनवरी 2022 को रात्रि 8 बजकर 34 मिनट पर सूर्य मकर राशि पर आयेंगे।

जब-जब यह संयोग रात्रि में होता है तब लिखा जाता है कि :- “पर दिने पुण्यकाल:” अर्थात् यदि रात्रि में सूर्य का राशि परिवर्तन होता है तो दूसरे दिन उसका पुण़्यकाल माना जाता है !

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर स्नान, दान, जप, तप, तीर्थ स्नान आदि का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी को सूर्यादय से दोपहर 12.49 बजे तक रहेगा।।

शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को सभी जातकों को चाहे वह स्त्री हो अथवा पुरुष सूर्योदय से पूर्व अवश्य ही अपनी शय्या का त्याग करना चाहिए । हर मनुष्य को मकर संक्रांति के दिन स्नान, अवश्य ही करना चाहिए । संक्रांति पर्व पर स्नान के संबंध में शास्त्रों में कहा गया है कि

रवि संक्रमणे प्रासेन स्नानाद्यस्तु मानवः।
सप्तजन्मनि रोगो स्द्यान्निर्धनश्चैव जायतेः।

अर्थात् सूर्य की संक्रांति के दिन जो मनुष्य स्नान नहीं करता है। वो सात जन्मों तक रोगी रहता है।

विशेषकर मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) पर तिल-स्नान को अत्यंत पुण्यदायक बतलाया गया है। शास्त्रो के अनुसार इस दिन तिल – स्नान करने वाला मनुष्य सात जन्म तक आरोग्य को प्राप्त करता है।।

मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) के पुण्यकाल में हर मनुष्य को तीर्थ या नदी तट पर तिल मिश्रित जल से शुद्ध मनोभाव से स्नान करना चाहिए । यदि नदी में स्नान करना संभव ना हो, तो अपने घर में पूर्वाभिमुख होकर जल में तिल, दुर्वा, कच्चा दूध डालकर स्नान करें।

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन दान करने का अति विशेष महत्व है।

शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, इस पुण्य का फल जन्म जन्मान्तर तक मिलता रहता है ।

इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, गुड़, नमक, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी और तिल आदि का दान विशेष रूप से फलदायी माना गया है।

इस दिन तिल के दान से आपकी कुंडली के कई दोष दूर होते है , विशेष रूप से कालसर्प योग, शनि की साढ़ेसाती और ढय्या, राहु-केतु के दोष दूर हो जाते हैं।

मकर संक्रांति के दिन गुड़ का दान करने से कुंडली में सूर्य देव बलवान होते है ।

मकर संक्रांति के दिन घी, और अनाज दान करने से भी बहुत पुण्य मिलता है।

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन काले तिल को तांबे के पात्र में भरकर किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान करने से शनि देव प्रसन्न होते है, शनि की साढ़े साती तथा शनि की ढैय्या के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं