मान्यता है कि विष्णु जी मनुष्य के जीवन में आर्थिक सम्पन्नता लाते हैं। इसके अलावा विष्णु जी (Vishnu ji) की कृपा से घर में सुख-शांति बनी रहती है। गुरुवार को भक्त लोग स्वामी बृहस्पति (Brahaspati) की भी बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। इसीलिए गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि बृहस्पति जी (Brihaspati) भगवान नहीं, देवताओं के गुरु हैं। इस वजह से बृहस्पति जी के मंदिर देश में बहुत कम हैं। लेकिन उनको मानने और उनमें आस्था रखने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। ज्यादातर लोग इस दिन मंदिर जाए बिना ही केले के पेड़ पर जल चढ़ाकर या भोग लगाकर बृहस्पति जी की पूजा करते हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में बृहस्पति जी का एक मंदिर बना हुआ है। ऐसा दावा किया जाता है कि दुनिया में दो-तीन ही गिने चुने बृहस्पति मंदिर है। यह जयपुर के महारानी फार्म में स्थित है।
कहा जाता है कि इसका निर्माण कार्य साल 2009 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में इसमें काफी दिक्कतें आईं लेकिन इसका निर्माण कार्य महज 45 दिनों में पूरा कर लिया गया। मंदिर में विशुद्ध सोने की बृहस्पति जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस मंदिर में देशभर से श्रद्धालु आते हैं और बृहस्पति जी की पूजा करते हैं।
बृहस्पति जी को देवताओं का गुरु माना जाता है। कहते हैं कि देवताओं ने बृहस्पति जी से ही ज्ञान हासिल किया है। देवता लोग भी इनकी आराधना करते हैं। इस तरह से बृहस्पति जी की महत्ता को समझा जा सकता है।
मान्यता यह भी है कि अगर आपकी कुंडली के सारे ग्रह गलत दिशा में हों, लेकिन गुरु ग्रह सही दिशा में हो तो आप सुरक्षित हैं। अकेला गुरु ग्रह ही आपको सारे दोषों से दूर रखता है। इसीलिए बृहस्पति जी का पूजा पर अधिक जोर दिया जाता है।