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क्यों प्रसिद्ध है Kainchi Dham, Modi सहित बड़ी-बड़ी हस्तियां आईं हैं यहां

नीम करौरी बाबा के भक्त देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। नीम करौरी महाराज को हनुमान जी का अवतार भी कहा जाता है। बाबा के कई चमत्कारी किस्से लोगों को उनके दर्शन करने पर मजबूर कर देते हैं।

नैनीताल (Nainital) के कैंची धाम (Kainchi Dham) में हर साल 15 जून को मेला आयोजित किया जाता है। इस दिन मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु नीम करौरी महाराज (Neem Karauri Maharaj) के दर्शन करने यहां आते हैं।

नीम करौरी बाबा (Neem Karauri Baba) के भक्त देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। नीम करौरी महाराज को हनुमान जी का अवतार भी कहा जाता है। बाबा के कई चमत्कारी किस्से लोगों को उनके दर्शन करने पर मजबूर कर देते हैं।

कहां स्थित है कैंची धाम
कैंची धाम उत्तराखंड राज्य में नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है। कैंची धाम के नीम करौरी बाबा (नीम करौली) की लोकप्रियता पूरी दुनिया में है। कहा जाता है कि वर्ष 1961 में बाबा नीम करौरी यहां पहली बार आए थे और उन्होंने 1964 में एक आश्रम का निर्माण कराया, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है।

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क्यों प्रचलित है कैंची धाम
बाबा नीम करौरी हनुमान जी के अनन्य भक्त थे। हनुमान जी की कड़ी उपासना करने के बाद उन्हें चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं। यही कारण है कि कैंची धाम के लोग उन्हें हनुमान का अवतार मानते हैं। हालांकि बाबा नीम करौरी बहुत साधारण तरीके से रहते थे और किसी भी भक्त को अपना पांव नहीं छूने देते थे।

बड़ी-बड़ी हस्तियां आईं हैं कैंची धाम
बाबा नीब करौरी सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। पूरी दुनिया में बाबा नीम करौरी का 108 आश्रम है। इन आश्रमों में कैंची धाम सबसे बड़ा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स (Julia Roberts), एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) सहित कई अन्य विदेशी हस्तियां भी बाबा के भक्त हैं।

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माना जाता है कि बाबा नीम करौरी गर्मी के दिनों में कैंची धाम आकर रहते थे। उन्हें यह स्थल बहुत प्रिय था। बाद में यहां हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया। हनुमान मंदिर में अन्य देवी देवताओं की मूर्तियों सहित बाबा नीब करौरी की भी विशाल एवं बड़ी ही जीवंत मूर्ति है। जब आप देखते हैं तो बस देखते ही रह जाते हैं।

कैंची नुमा मोड़ के कारण पड़ा कैंची धाम नाम
पहाड़ों का तीखा और कैंची नुमा मोड़ के कारण इस जगह का नाम कैंची धाम पड़ा। बाबा के चमत्कारों को सुनकर दुनियाभर के लोग कैंची धाम जैसे पवित्र स्थल का दर्शन करने जरूर आते हैं। हल्द्वानी से गैरसैण के रास्ते में यह धाम पड़ता है, तो रास्ते में आते-जाते समय इस मंदिर का अद्वितीय सौंदर्य बार-बार आपका ध्यान खींचता है।

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