
नई दिल्ली: सशस्त्र बलों ने चक्रवाती तूफान यास के प्रभाव से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। इस तूफान के बुधवार, 26 मई, 2021 को पूर्वी तट पर पहुंचने की संभावना है। भारतीय वायुसेना के 15 मालवाहक विमानों ने जामनगर, वाराणसी, पटना और एर्नाकुलम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 950 कर्मियों और 70 टन सामग्री को कोलकाता, भुवनेश्वर और पोर्टब्लेयर पहुंचाया है। 16 विमान और 26 हेलिकॉप्टर तत्काल तैनाती के लिए तैयार रखे गए हैं। भारतीय नौसेना, जो पश्चिमी तट पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) तथा बचाव अभियान से निपटी ही थी, ने मानवीय सहायता और आपदा राहत की दस खेप भुवनेश्वर और कोलकाता भेजी हैं। पांच खेप पोर्टब्लेयर पर तैयार रखी गई हैं। पूर्वी कमान और अंडमान-निकोबार कमान के आठ पोत राहत पहुंचाने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। चार गोताखोर और दस बाढ राहत टुकडियां कोलकाता, भुवनेश्वर और चिल्का में तैनात की गई हैं। ये टुकडियां बहुत कम समय के बुलावे पर नागरिक प्रशासन को उपलब्ध होंगी।
सात बाढ राहत दल और दो गोताखोर दल अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग स्थानों पर तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त नौसेना के विमान और हेलिकॉप्टर राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए विशाखापट्टनम और पोर्टब्लेयर में तैयार रखे गये है। थल सेना की आठ बाढ राहत और इंजीनियर टास्क फोर्स की तीन टुकडियां नागरिक प्रशासन के अनुरोध पर तैनात करने के लिए तैयार की गई हैं। सशस्त्र बल प्रभावित राज्यों में नागरिक प्रशासन से संपर्क में हैं। सशस्त्र बलों की टीमें कोविड-19 अस्पतालों में उपचार के लिए आवश्यक जीवन रक्षक ऑक्सीजन और दवाओं की बाधारहित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सड़क और रेल संपर्कों को खुला रखने की आवश्यकता से भी अवगत हैं। सशस्त्र सेनाएं चक्रवात यास के प्रभाव को कम करने, जान माल की रक्षा करने और नागरिकों को हर सहायता उपलब्ध करने के लिए तैयार हैं।


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