नई दिल्ली: गुजरात दंगों में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता बिलकिस बानो (Bilkis Bano) ने सामूहिक बलात्कार और परिवार के 7 लोगों की हत्या के दोषियों की रिहाई के खिलाफ खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल की है।
बिलकिस बानो का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिवक्ता शोभा गुप्ता ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। शोभा गुप्ता ने तर्क दिया कि अपील एक खुली अदालत में होनी चाहिए। इसके बाद सीजेआई ने मामले की जांच के बाद उसे सूचीबद्ध करने की बात कही है।
बिलकिस बानो ने शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका भी दायर की है जिसमें गुजरात सरकार को दोषियों की सजा पर फैसला करने की अनुमति दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि पहले समीक्षा सुननी होगी और इसे न्यायमूर्ति रस्तोगी के समक्ष आने दीजिए।
बता दें कि इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि गुजरात सरकार क्षमा अनुरोध पर विचार कर सकती है क्योंकि अपराध गुजरात में हुआ था। इस फैसले के आधार पर, गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को रिहा करने का फैसला किया।
हाईकोर्ट ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार को छूट पर विचार करना चाहिए क्योंकि मामले की सुनवाई गुजरात से स्थानांतरण के बाद वहां हुई थी।