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सरकार को बोझ कम करने के लिए चुना, लोगों के दुख में आनंद लेने के लिए नहींः सोनिया गांधी

नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को तो परेशान कर रखा है। लेकिन, खास लोग भी इससे अछूते नहीं रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में, भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के द्वारा सरकार पर ‘लोगों के दुख और पीड़ा देने’ का […]

नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को तो परेशान कर रखा है। लेकिन, खास लोग भी इससे अछूते नहीं रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में, भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के द्वारा सरकार पर ‘लोगों के दुख और पीड़ा देने’ का आरोप लगाया है।

अपने पत्र में, सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘एक तरफ, भारत नौकरियों, मजदूरी और घरेलू आय में गिरावट को झेल रहा है। हमारे समाज के मध्यम वर्ग और उन लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। लगभग सभी घरेलू वस्तुओं और आवश्यक वस्तुओं की कीमत में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। दुख की बात है कि इस संकटपूर्ण समय में, सरकार लोगों के साथ नहीं हैं। 

उन्होंने आगे कहा, ‘‘पेट्रोल ने देश के कई हिस्सों में 100 रूपये प्रति लीटर के निशान से ऊपर चला गया है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय से लगभग आधी है। तब भी, आपकी सरकार 12 दिनों से लगातार तेल के दाम बढाती जा रही है। यह मुनाफाखोरी की हद है।’’

सोनिया ने आगे कहा कि सरकार ने डीजल पर उत्पाद शुल्क में 820 प्रतिशत और पेट्रोल पर 258 प्रतिशत की वृद्धि की है और पिछले साढ़े छह वर्षों में 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है। उन्होंनेे ईंधन की कीमतों को कम करने से इंकार करने के लिए इसे ‘क्रूर’ कहा, जबकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमत पिछले साल 20 डॉलर प्रति बैरल हो गई थी।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘डिरेग्यूलेशन एंड डायनेमिक प्राइसिंग का पूरा सिद्धांत इस सिद्धांत पर आधारित है कि कच्चे तेल की कीमतों में कटौती से अंतिम उपभोक्ताओं को लाभ होगा। आपकी सरकार ऐसा करने में विफल रही है।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘इसके बजाय, विडंबना यह है कि आपकी सरकार पेट्रोल और डीजल पर अत्यधिक उत्पाद शुल्क लगाने में अनुचित रूप से अति-उत्साही रही है, यानी हर लीटर पेट्रोल पर 33 और डीजल के प्रत्येक लीटर पर 32, जो आधार मूल्य से अधिक है।

गांधी ने कहा, ‘‘आर्थिक कुप्रबंधन को खत्म करने के लिए यह अतिशयोक्ति से कम नहीं है। प्रमुख पार्टी के रूप में, मैं आपसे ‘राज धर्म’ का पालन करने और आंशिक रूप से उत्पाद शुल्क वापस करने के लिए ईंधन की कीमतों को कम करने का आग्रह करती हूं।’’सोनिया गांधी ने अपने पत्र में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि के बारे में भी बताया है।

उन्होंने सरकार से पूछा, ‘‘दिल्ली में 769 (और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में 800 से अधिक) घरेलू गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर में वृद्धि और भी अधिक क्रूर है और इसने हर घर को प्रभावित किया है। क्या कीमत बढ़ाने के लिए कोई औचित्य हो सकता है। दिसंबर 2020 से ढाई महीने में 175 गुना सिलेंडर?”

सोनिया ने कहा, ‘‘आपकी सरकार पिछले शासन को दोष देती रही है।’’ केंद्र में एक चुटकी लेते हुए, सोनिया गांधी आगे पत्र में कहती हैं, ‘‘जो समान रूप से परेशान है, वह यह है कि अब लगभग 7 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद, आपकी सरकार अपने स्वयं के आर्थिक कुप्रबंधन के लिए पिछले शासन को दोष दे रही है। वर्ष 2020 में घरेलू कच्चे तेल का उत्पादन 18 साल के निचले स्तर पर आ गया है।’’
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि इन बढ़ोतरी को वापस लें और हमारे मध्यम और वेतनभोगी वर्ग, हमारे किसानों और गरीबों और हमारे साथी नागरिकों को लाभ दें। यह वो वर्ग है जो एक अभूतपूर्व आर्थिक मंदी, व्यापक बेरोजगारी, मजदूरी में कटौती और नौकरी के नुकसान से जूझ रहा है।’’ 

सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि आप सहमत होंगे कि यह आपकी सरकार के लिए बहाने खोजने की बजाय समाधान पर ध्यान केंद्रित करने का समय है।’’ उन्होंने पीएम से आग्रह किया कि वे बढ़-चढ़ कर इस पर अपनी जिम्मेदारी निभायें और लोगों को लाभान्वित करें।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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सरकार को बोझ कम करने के लिए चुना, लोगों के दुख में आनंद लेने के लिए नहींः सोनिया गांधी

नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को तो परेशान कर रखा है। लेकिन, खास लोग भी इससे अछूते नहीं रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में, भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के द्वारा सरकार पर ‘लोगों के दुख और पीड़ा देने’ का […]

नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को तो परेशान कर रखा है। लेकिन, खास लोग भी इससे अछूते नहीं रहे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में, भारत में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के द्वारा सरकार पर ‘लोगों के दुख और पीड़ा देने’ का आरोप लगाया है।

अपने पत्र में, सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘एक तरफ, भारत नौकरियों, मजदूरी और घरेलू आय में गिरावट को झेल रहा है। हमारे समाज के मध्यम वर्ग और उन लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। लगभग सभी घरेलू वस्तुओं और आवश्यक वस्तुओं की कीमत में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। दुख की बात है कि इस संकटपूर्ण समय में, सरकार लोगों के साथ नहीं हैं। 

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