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DGGI अधिकारियों ने 4,500 करोड़ रुपये से अधिक के नकली चालान वाले नेटवर्क का पता लगाया, 1 गिरफ्तार

नई दिल्ली: हाल ही में DGGI द्वारा कुछ फर्जी फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जो अपने व्यवसाय के प्रमुख स्थान पर मौजूद नहीं थीं। इन फर्जी फर्मों से जुड़े वास्तविक लोगों के बारे में जानने के लिए, जीएसटी रिटर्न (GST Return) दाखिल करने के स्थान से इनके ठिकाने की जानकारी प्राप्त की […]

नई दिल्ली: हाल ही में DGGI द्वारा कुछ फर्जी फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जो अपने व्यवसाय के प्रमुख स्थान पर मौजूद नहीं थीं। इन फर्जी फर्मों से जुड़े वास्तविक लोगों के बारे में जानने के लिए, जीएसटी रिटर्न (GST Return) दाखिल करने के स्थान से इनके ठिकाने की जानकारी प्राप्त की गई। फिर दिल्ली (Delhi) में उस परिसर में 06.01.2022 को तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, यह पाया गया कि मालिक अपने वित्तीय खातों को बनाए रखने के लिए विभिन्न ग्राहकों को अपने सर्वर पर ‘क्लाउड स्टोरेज’ (Cloud Storage) की सेवाएं प्रदान करने में लगा हुआ है।

एक संदिग्ध सर्वर की जांच करने पर टैली डेटा में कुछ फर्मों का विवरण मिला। मालिक द्वारा यह बताया गया कि इस टैली डेटा को कोलकाता (Kolkata) स्थित एक सिंडिकेट (Syndicate) द्वारा रखरखाव किया जा रहा है। इन व्यक्तियों के पते का विवरण प्रोपराइटर से प्राप्त किया गया था और फिर 10.01.2022 को कोलकाता में विभिन्न परिसरों में तलाशी ली गई।

तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, विभिन्न चेक बुक, विभिन्न फर्मों के टिकट और सिम कार्ड सहित भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। इन व्यक्तियों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, दस्तावेजों, मोबाइल और ई-मेल का विश्लेषण करने पर, यह पाया गया कि ये व्यक्ति दिल्ली के परिसर में पाए गए सर्वर पर दूरस्थ रूप से डेटा का रखरखाव कर रहे हैं।

टैली डेटा की जांच से पता चला है कि इस सिंडिकेट द्वारा 636 फर्मों का संचालन किया जा रहा है। सिंडिकेट के मास्टरमाइंड (Mastermind) ने स्वीकार किया है कि उन्होंने इन फर्मों में केवल चालान जारी किए हैं और उनके लिए किसी भी सामान की आपूर्ति नहीं की है। उन्होंने लगभग 4,521 करोड़ रुपए के कर योग्य मूल्य वाले चालान जारी किए हैं, जिसका लगभग 741 करोड़ रुपए का आईटीसी निहितार्थ है।

जांच के दौरान इन फर्मों के आईटीसी खाता बही में उपलब्ध आईटीसी के बदले जीएसटी की राशि 4.52 करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इसके अलावा, अब तक इन फर्मों के विभिन्न बैंक खातों में पड़े लगभग 7 करोड़ को फ्रीज कर दिया गया है। पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड को 13.01.2022 को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है।