नई दिल्ली: अभ्यास – हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (एचइएटी) का आज ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। लक्षित विमान के प्रदर्शन की निगरानी टेलीमेट्री और रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर के माध्यम से की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभ्यास के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत किया गया है। भारतीय उद्योगों के लिए वाहन के उत्पादन के लिए रुचि की अभिव्यक्ति पहले ही जारी की जा चुकी है। यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (एचइएटी) की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
अभ्यास को डीआरडीओ के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) बेंगलुरु द्वारा डिजाइन तथा विकसित किया गया है। एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया जाता है जो वाहन को प्रारंभिक त्वरण प्रदान करते हैं। यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है जो सबसोनिक गति से लंबी एन्ड्योरेंस उड़ान को बनाए रखता है। टारगेट एयरक्राफ्ट मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (एफसीसी) के साथ नेविगेशन के लिए एमईएमएस आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (आईएनएस) से लैस है। वाहन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिए प्रोग्राम किया गया है। लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) का उपयोग करके हवाई वाहन का चेक-आउट किया जाता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी 'अभ्यास' के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी और इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे फ़ोर्स मल्टीप्लायर करार दिया।
प्रमुख बातें:
अभ्यास को डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई), बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत किया गया है।
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